वॉट्सऐप ग्रुप में भेजे गए आपत्तिजनक मैसेज के लिए एडमिन ज़िम्मेदार नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

कोर्ट ने वॉट्सऐप ग्रुप के एक एडमिन के ख़िलाफ़ दर्ज एफआईआर ख़ारिज की, जिसमें आरोप था कि एक मेंबर द्वारा महिला पर आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने पर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. अदालत ने कहा कि महज़ एडमिन होने मात्र से ये साबित नहीं होता है कि मैसेज में उनकी सहमति शामिल थी.

आम महिलाओं की बढ़ती सियासी चेतना उनकी अपनी है या वे किसी एजेंडा की शिकार हैं?

सोसाइटी के वॉट्सऐप ग्रुप में वो महिलाएं अमूमन घर-गृहस्थी से जुड़े मसले साझा किया करती थीं. पता नहीं ये कब और कैसे हुआ कि अपनी ज़िंदगी की तमाम फ़िक्रें छोड़ बॉलीवुड के नेपोटिज़्म को ख़त्म करना, सुशांत सिंह राजपूत के लिए न्याय मांगना और आलिया भट्ट को नेस्तनाबूद कर देना इन औरतों का मक़सद बन गया.