इस बार तो बंगाल को टैगोर का जन्मोत्सव मनाने का हक़ है…

2021 में बंगाल गर्वपूर्वक अपने कवि से कह सकता है, ये जो फूल आपको अर्पित करने मैं आया हूं वे सच्चे हैं, नकली नहीं. इस बार प्रेम, सद्भाव, शालीनता के लिए स्थान बचा सका हूं. यह कितने काल तक रहेगा इसकी गारंटी नहीं पर यह क्या कम है कि इस बार घृणा और हिंसा के झंझावात में भी ये कोमल पुष्प बचाए जा सके.

पश्चिम बंगाल: अमर्त्य सेन और विश्वभारती यूनिवर्सिटी के बीच चल रही खींचतान की क्या वजह है

पश्चिम बंगाल की विश्व भारती यूनिवर्सिटी द्वारा परिसर में अवैध क़ब्ज़े हटाने के लिए बनाई गई सूची में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन की पारिवारिक संपत्ति को भी शामिल किया है. सेन ने इससे इनकार करते हुए कुलपति के केंद्र सरकार के इशारे पर काम करने की बात कही है.

बंगाल: विश्वभारती प्रशासन के ख़िलाफ़ टैगोर के वंशजों ने सीएम से की शिकायत, कहा- जेल जैसा माहौल

शांतिनिकेतन के कई हिस्सों को चारदीवारी बनाकर घेरा जा रहा है. इसके ख़िलाफ़ गुरुदेव रबींद्रनाथ टैगोर के वंशजों समेत 40 हस्तियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है. उन्हें डर है कि शांतिनिकेतन में विश्व भारती को श्रीनिकेतन गांव से जोड़ने वाले पुराने विरासत मार्ग को बंद कर दिया जाएगा.

पश्चिम बंगाल: विश्व भारती विश्वविद्यालय में सीआईएसएफ की तैनाती के लिए एचआरडी ने लिखा पत्र

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति ने छात्रों के विरोध प्रदर्शन का हवाला देते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय से कैंपस में अर्धसैनिक बलों की तैनाती का अनुरोध किया है.

साढ़े चार आखर मनुष्यता का, पढ़े सो पंडित होय…

हजारी प्रसाद द्विवेदी सही मायने में पंडित थे. वैसे पंडित नहीं, जो शास्त्र और वेद को पढ़कर जड़ और हिंसक हो जाता है, बल्कि वैसे, जो कबीर की तरह प्रेम या मनुष्यता का ढाई आखर पढ़कर पंडित होता है.