दिल्ली हिंसाः पिंजरा तोड़ कार्यकर्ताओं के ‘नाम’ बताने वाले ने कहा कि उन्हें नहीं जानता

दिल्ली पुलिस के मुताबिक़ जाफराबाद हिंसा के एक आरोपी शाहरुख ने अपने बयान में पिंजरा तोड़ कार्यकर्ता देवांगना कलीता और नताशा नरवाल का नाम लिया था. शाहरुख ने कहा कि हिंसा में आंखों की रोशनी लगभग खो देने के कारण उसे नहीं पता कि पुलिस ने उससे जिस बयान पर दस्तख़त कराए, उसमें क्या लिखा था.

क्या मोदी सरकार वाकई उर्दू का भला चाहती है?

मानव संसाधन और विकास मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद ने उर्दू के प्रमोशन के लिए बॉलीवुड के कलाकारों से प्रचार करवाने की बात कही. हालांकि बजट से मालामाल परिषद पर अक्सर यह इल्ज़ाम लगता रहा है कि हाल के सालों में इसने उर्दू भाषा के विकास में कोई अहम रोल अदा नहीं किया.

शाहरुख ख़ान को डॉक्टरेट की उपाधि देना चाहता था जामिया मिलिया, मोदी सरकार ने किया इनकार

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा कि यह सही नहीं होगा क्योंकि शाहरुख़ ख़ान को पहले ही हैदराबाद की मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी से मानद डॉक्टरेट नवाज़ा जा चुका है.

हमारे सुपरस्टार सत्ता की ख़ुशामद क्यों करते हैं?

एक बार शोहरत या पैसा, या दोनों हासिल कर लेने के बाद भारतीय अभिनेता, कारोबारी और खिलाड़ी सामाजिक मुद्दों या सरकार के ख़िलाफ़ बोलकर इसे दांव पर लगाने का ख़तरा मोल नहीं लेना चाहते.