केरल से बिहार के कटिहार पहुंचे मज़दूरों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज

कटिहार स्टेशन पर भोजन और बस की व्यवस्था न होने से नाराज़ मज़दूरों ने चक्काजाम कर दिया था और तक़रीबन 40 मिनट तक बिहार सरकार और प्रशासन के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की थी. हालांकि पुलिस ने लाठीचार्ज की बात से इनकार किया है.

यूपी: ट्रेन के शौचालय में मज़दूर का शव मिला, जलपाईगुड़ी जा रही महिला की ट्रेन में मौत

एक अन्य घटना में मुंबई से किराये के एक वाहन से बनारस लौट रहे एक प्रवासी मज़दूर की 27 मई की रात उत्तर प्रदेश के बांदा में मौत हो गई. उन्हें तीन दिन से खांसी और जुकाम की शिकायत थी.

लॉकडाउन: श्रमिक स्पेशल ट्रेन में गई मज़दूर की जान, भूख से मौत का आरोप

उत्तर प्रदेश के मछलीशहर के रहने वाले जोखन यादव और उनके भतीजे रवीश यादव मुंबई में कंस्ट्रक्शन मज़दूर के रूप में काम करते थे. लॉकडाउन के चलते वे श्रमिक स्पेशल ट्रेन से घर लौट रहे थे, जब वाराणसी पहुंचने से कुछ देर पहले जोखन ने दम तोड़ दिया. उनके भतीजे का कहना है कि उन्होंने क़रीब 60 घंटों से कुछ नहीं खाया था.

दिल्ली: घर जाने की आस में शहर में भटक रहे हैं प्रवासी श्रमिक और उनके परिवार

25 साल के हरीराम चौधरी द्वारका में रहकर मार्बल काटने का काम करते थे, जो दो महीने से ठप है. पांच दिन पहले अपनी मां की मौत की ख़बर पाने के बाद से वे घर जाने की उम्मीद लिए पैदल ही शहर भर की खाक़ छान रहे हैं.

‘फोन पर बोले साइकिल से निकले हैं, कुछ दिन में घर आ जाएंगे, पांच घंटे बाद उनकी मौत की ख़बर आई’

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर ज़िले के बहुआस के रहने वाले राजू गुजरात के अंकलेश्वर में काम करते थे. चार मई को वे साइकिल से अपने गांव जाने के लिए निकले थे, इसी शाम उनका शव बड़ौदा के करजन में नेशनल हाईवे पर मिला.

‘अब श्रमिक स्पेशल ट्रेन का और इंतज़ार नहीं होता, सफ़र की तारीख नहीं मिली तो पैदल ही चल देंगे’

दूसरे राज्यों में फंसे कामगारों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए चलाई गई श्रमिक स्पेशल ट्रेन के रजिस्ट्रेशन की जद्दोजहद के बाद यात्रा की तारीख तय न होने से मज़दूर हताश हैं. कर्नाटक, कश्मीर और गुजरात के कई कामगार इस स्थिति से निराश होकर साइकिल या पैदल निकल चुके हैं या ऐसा करने के बारे में सोच रहे हैं.