स्मृति शेष: पंडित राजन मिश्र का असमय चले जाना सभी संगीत-प्रेमियों के लिए भारी आघात है. ख़ासकर, उनके अज़ीज़ों के लिए, जिन्होंने एक अद्भुत गायक के साथ-साथ एक अद्भुत इंसान भी खो दिया.
संगीतकार श्रवण राठौड़ के बेटे संजीव ने बताया कि कुंभ से लौटने के बाद उनके पिता ने सांस लेने में तकलीफ़ की शिकायत की थी. जांच के बाद उनके माता-पिता संक्रमित पाए गए थे. संजीव और उनके भाई भी संक्रमित हैं. नदीम-श्रवण की जोड़ी को आशिकी, सड़क, साजन, दीवाना, राजा हिंदुस्तानी, जुदाई, सिर्फ़ तुम जैसी फिल्मों के संगीत के लिए जाना जाता है.
एसपीबी के नाम से लोकप्रिय एसपी बालासुब्रमण्यम अगस्त से कोविड-19 संक्रमित होने के बाद से चेन्नई के एक अस्पताल में भर्ती थे. छह बार राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाज़े गए बालासुब्रमण्यम ने अपने पांच दशक से अधिक के करिअर में विभिन्न भाषाओं के चालीस हज़ार से अधिक गीत गाए थे.
वीडियो: कोरोना महामारी के चलते पूरी दुनिया दायरों में सिमटी हुई है. यदि ज़िंदगी में कलाएं हैं तो तनाव, उदासी, नाउम्मीदी के लिए कोई जगह नहीं बचती है. हाल ही में कोरोना वायरस को मात देने वाली भरतनाट्यम नृत्यांगना पद्मश्री गीता चंद्रन से दामिनी यादव की बातचीत.
ख़य्याम ने जितनी फिल्मों के लिए काम किया उससे कहीं ज़्यादा फिल्मों को मना किया. एक-एक गाने के लिए वो अपनी दुनिया में यूं डूबे कि जब ‘रज़िया सुल्तान’ की धुन बनाई तो समकालीन इतिहास में तुर्कों को ढूंढा और और ‘उमराव जान’ के लिए उसकी दुनिया में जाकर अपने साज़ को आवाज़ दी.
पद्मभूषण से सम्मानित अन्नपूर्णा देवी पिछले कई वर्षों से उम्र संबंधी बीमारियों में जूझ रही थीं. उस्ताद ‘बाबा’ अलाउद्दीन ख़ान की बेटी और शिष्य थीं. प्यार से लोग उन्हें ‘मां’ बुलाते थे.
कहते हैं कि इतिहास में नामों और तारीख़ों के अलावा कुछ सच नहीं होता जबकि कथा साहित्य में नामों और तारीख़ों के अलावा सब कुछ सच होता है. मृणाल पांडे के नए उपन्यास सहेला रे में तारीखें भी सच के क़रीब हैं, साथ ही किरदार भी सच्चाई के इतने नज़दीक हैं कि जानने वालों को उस ज़माने की न जाने कितनी वास्तविक छवियां यहां दिखाई देंगी.
पुण्यतिथि विशेष: उस्ताद ऐसे बनारसी थे जो गंगा में वज़ू करके नमाज़ पढ़ते थे और सरस्वती को याद कर शहनाई की तान छेड़ते थे. इस्लाम में संगीत के हराम होने के सवाल पर हंसकर कहते थे, 'क्या हुआ इस्लाम में संगीत की मनाही है, क़ुरान की शुरुआत तो 'बिस्मिल्लाह' से ही होती है.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पिछले तीन वर्षो के दौरान 1200 पुराने और अप्रचलित क़ानूनों को समाप्त कर चुकी है.
तीन अक्टूबर को विविध भारती की स्थापना के 61 बरस पूरे हो गए. इतने बरस की विविध भारती की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उसने हमारी ज़िंदगी को सुरीला बनाया है.
विशेष: उत्तर प्रदेश के बस्ती से सूरीनाम गए एक परिवार से ताल्लुक रखने वाले राजमोहन ने अपने पुरखे गिरमिटिया मज़दूरों जीवन-गाथा को संगीत में ढाला है.
अमोनकर में एक खास कैफ़ियत थी, जिसे समझाया नहीं जा सकता. इसे हम करिश्मा कहते हैं. आप इसे महसूस तो कर सकते हैं, लेकिन इसे समझ या समझा नहीं सकते.
रूढ़िवादी ताक़तों के उभार के कारण बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों की मेल-जोल वाली संगीत जैसी सांस्कृतिक परंपराएं ख़तरे में आ गई हैं.
मुंबई में अपनी किताब ‘मास्टर आॅन मास्टर्स’ के विमोचन समारोह में प्रख्यात सरोद वादक उस्ताद अमजद अली ख़ान ने ये बात कही.
मशहूर सितार वादक पंडित रविशंकर की बेटी अनुष्का शंकर ख़ुद भी एक सफल सितारवादक और संगीतकार हैं. भारतीय मूल की अनुष्का लंदन में पैदा हुईं और तीन अलग-अलग महाद्वीपों में पली-बढ़ीं. अलग-अलग संस्कृतियों में हुई इस परवरिश पर वे कहती हैं, ‘इन मिली-जुली संस्कृतियों के बगैर मैं वो नहीं होती जो मैं हूं- मेरा पासपोर्ट महज़ कागज़ का टुकड़ा है.’