संयुक्त राष्ट्र महिला एवं संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के नए आकलन में कहा गया कि कोविड-19 संकट 2021 तक 9.6 करोड़ लोगों को अत्यंत ग़रीबी की ओर धकेल देगा, जिनमें से 4.7 करोड़ महिलाएं और लड़कियां होंगी. यह संकट बेहद ग़रीबी में रहने वाली कुल महिलाओं की संख्या को बढ़ाकर 43.5 करोड़ कर देगा.
संयुक्त राष्ट्र की पांच एजेंसियों द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि ऊंची क़ीमतों और ख़र्च वहन करने की क्षमता न हो पाने के कारण करोड़ों लोगों को सेहतमंद और पोषक आहार नहीं मिल पा रहा है. कोविड महामारी के कारण लगाई गई पाबंदियों और आर्थिक मंदी से भुखमरी का सामना कर रही आबादी की संख्या बढ़ सकती है.
संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ये बेहद प्रारंभिक पूर्वानुमान है और 10 मार्च तक उपलब्ध आंकड़ों और सूचनाओं पर आधारित है.
अदालत ने कहा कि उनका ये आदेश म्यांमार पर बाध्यकारी है और वे चार महीने में आईसीजे को रिपोर्ट देकर बताएं कि उन्होंने आदेश के अनुपालन के लिए क्या किया.
अगस्त 2017 से शुरू हुए सैन्य अभियानों के चलते करीब 7,40,000 रोहिंग्या लोगों को सीमापार बांग्लादेश भागना पड़ा था. पिछले साल सितंबर महीने में संयुक्त राष्ट्र की एक टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि म्यांमार में करीब छह लाख रोहिंग्या मुसलमान नरसंहार के गंभीर ख़तरे का सामना कर रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र की फैक्ट फाइंडिंग मिशन ने एक रिपोर्ट में कहा कि म्यांमार लगातार नरसंहार की सोच को पनाह दे रहा है.
संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रोस्पेक्ट्स 2019 रिपोर्ट के मुताबिक, 2050 तक भारत की आबादी में 27.3 करोड़ लोग और जुड़ जाएंगे और सदी के अंत तक भारत दुनिया का सर्वाधिक आबादी वाला देश बन जाएगा.
महिलाओं के खिलाफ हिंसा खत्म करने के लिये अंतरराष्ट्रीय दिवस पर जारी किए गए अध्ययन के अनुसार भारत में बड़ी संख्या में दहेज हत्या के मामले सामने आते हैं. दुनिया भर में हर घंटे करीब छह महिलाएं परिचित के हाथों मारी जाती हैं
संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी एक संस्था की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में सबसे ज़्यादा बच्चों की मौत भारत में होती हैं. इसके बाद नाइज़ीरिया का नंबर है.