रेणु नहीं हैं, मेरे लिए यह अब भी अख़बारी अफ़वाह है: निर्मल वर्मा

आज उपन्यासकार फणीश्वर नाथ रेणु का जन्मदिन है. ये मार्मिक संस्मरण कहानीकार निर्मल वर्मा ने उन्हें याद करते हुए लिखा था. इसे रेणु की पुस्तक ‘ऋणजल धनजल’ में शामिल किया गया है.

मुक्तिबोध: उम्र भर जी के भी न जीने का अंदाज़ आया

हरिशंकर परसाई ने मुक्तिबोध को याद करते हुए लिखा कि जैसे ज़िंदगी में मुक्तिबोध ने किसी से लाभ के लिए समझौता नहीं किया, वैसे मृत्यु से भी कोई समझौता करने को तैयार नहीं थे.