देश के 42 हज़ार सरकारी स्कूलों में पेयजल सुविधा का अभाव, 15 हज़ार में शौचालय नहीं: केंद्र

शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने एकीकृत ज़िला सूचना प्रणाली के आंकड़ों के हवाले से संसद में बताया कि जिन 42,074 स्कूलों में पेयजल की सुविधा नहीं है, उनमें सर्वाधिक 8,522 असम में हैं. लड़के और लड़कियों के लिए अलग शौचालय न होने के मामले में भी असम पहले नंबर पर है.

यूपीः ठंड में ऊनी कपड़ों के बिना बच्चों के योग करने की रिपोर्ट को लेकर तीन पत्रकारों पर केस

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ज़िले के सरकारी स्कूल का मामला. भ्रामक ख़बर चलाने के आरोप में पत्रकारों पर केस दर्ज किया गया है. कानपुर देहात के डीएम दिनेश चंद्र ने कहा, ‘यह बहुत तकलीफ़देह है कि कुछ पत्रकार जो उस कार्यक्रम में मौजूद भी नहीं थे, उन्होंने ऐसी ग़लत ख़बर फैलाई. आप सभी जानते हैं कि स्वेटर और कोट पहनकर योग नहीं किया जा सकता.’

बिहार: क्या डिजिटल शिक्षा की रेस में पिछड़ रहे हैं सरकारी स्कूलों के छात्र

कोविड-19 के चलते स्कूल बंद होने के बाद अब राज्य सरकारें मोबाइल और टीवी के ज़रिये छात्रों तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं. ऐसी कोशिश बिहार सरकार द्वारा भी की गई है, लेकिन आर्थिक-सामाजिक असमानता के बीच प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चों तक इन माध्यमों से शिक्षा पहुंचा पाना बेहद कठिन है.

केंद्र ने राज्यों से कहा, स्कूल बंद होने से घरों में बच्चों को भोजन उपलब्ध कराएं या भत्ता दें

सुप्रीम कोर्ट ने इस सप्ताह राज्य सरकारों को नोटिस देकर पूछा था कि वे यह बताएं कि कोरोना वायरस की वजह से स्कूल बंद हैं. ऐसे में वे बच्चों को मिड-डे मील देना कैसे सुनिश्चित करेंगे. इसके बाद केंद्र सरकार का यह आदेश आया है.

आंध्र प्रदेश के 6,790 स्कूलों में शौचालय काम नहीं कर रहेः केंद्र सरकार

केंद्र सरकार ने देश के हर स्कूल में लड़के और लड़कियों के लिए अलग शौचालयों के निर्माण के लिए स्वच्छ विद्यालय योजना शुरू की थी. लोकसभा में पेश आंकड़ों के अनुसार बीते सालों में दिल्ली, चंडीगढ़ और लक्षद्वीप में अभियान के तहत एक भी शौचालय का निर्माण नहीं किया गया.

उत्तर प्रदेशः मिड डे मील में निकला मरा चूहा, प्रिंसिपल समेत पांच के ख़िलाफ़ मामला दर्ज

मामला मुज़फ़्फ़रनगर का है, जहां एक गांव के सरकारी स्कूल में मिड डे मील के दौरान खाने से मरा हुआ चूहा मिलने के बाद एक शिक्षक और आठ बच्चों की तबियत खराब हो गई. जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं.

उत्तर प्रदेशः मिड डे मील के एक लीटर दूध में एक बाल्टी पानी मिलाकर 85 बच्चों को पिलाया

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र ज़िले के मामला. इस घटना को लेकर दूध में पानी मिलाने वाली रसोइया का कहना है कि उसने शिक्षामित्र के कहने पर ऐसा किया. मामले में दो शिक्षामित्रों को बर्खास्त किया गया है.

उत्तर प्रदेश में मिड डे मील योजना में भ्रष्टाचार के सबसे अधिक मामले दर्ज

लोकसभा में मिड डे मील योजना को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक बताया कि बीते तीन साल में देश भर में मिड डे मील खाने के बाद 931 बच्चे बीमार पड़ने की शिकायत सामने आई हैं.

उत्तर प्रदेशः मिड डे मील में स्कूली बच्चों को हल्दी मिले पानी के साथ चावल देने का आरोप

मामला सीतापुर के बिचपरिया गांव का है. सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो में गांव के प्राथमिक विद्यालय के बच्चे हल्दी मिले पीले पानी के साथ चावल खाते दिख रहे हैं. बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि वीडियो खाना ख़त्म होने के समय का है. बच्चों को सब्जी चावल परोसे गए थे.

उत्तर प्रदेश में ख़बर छापने पर छह पत्रकारों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज, एक गिरफ़्तार

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में सरकारी स्‍कूल के अंदर बच्‍चों के झाड़ू लगाने का वीडियो बनाने वाले एक पत्रकार को पुलिस ने मामला दर्ज करके गिरफ़्तार कर लिया है. वहीं बिजनौर में सरकारी नल से एक दलित परिवार को पानी भरने से दबंगों द्वारा कथित तौर पर रोके जाने के चलते उनके पलायन करने की खबर छापने के बाद पांच पत्रकारों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.

नमक-रोटी की ख़बर करने वाले पत्रकार की रोज़ी-रोटी की कहानी

साक्षात्कार: उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर के एक सरकारी स्कूल में मिड-डे मील के तहत बच्‍चों को नमक और रोटी दिए जाने की ख़बर करने के कारण पत्रकार पवन जायसवाल के ख़िलाफ़ ज़िला प्रशासन ने केस दर्ज करा दिया है. द वायर से विशेष बातचीत में पवन ने इस मामले और अपने पत्रकारीय जीवन से जुड़ी चुनौतियों को साझा किया.

मिर्ज़ापुर मिड-डे मील मामला: पत्रकार के समर्थन में उतरे ग्रामीणों ने बच्चों को नहीं भेजा स्कूल

उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर के स्कूल में मिड-डे मील में नमक रोटी दिए जाने की रिपोर्ट करने वाले पत्रकार पर एफआईआर होने के बाद अभिभावकों ने कहा कि जब तक मुकदमा वापस नहीं लिया जाता, तब तक विद्यालय का बहिष्कार जारी रहेगा.

मिर्जापुर पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज करने को लेकर प्रेस परिषद ने यूपी सरकार से रिपोर्ट मांगी

भारतीय प्रेस परिषद ने पत्रकार पवन जायसवाल के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर की निंदा करते हुए कहा है कि अपना काम कर रहे एक पत्रकार को इस तरह निशाना बनाना बिल्कुल गलत है.

मिर्जापुर: पत्रकार के ख़िलाफ़ मामले पर डीएम ने कहा, प्रिंट पत्रकार होकर वीडियो क्यों बनाया?

मिर्जापुर के ज़िला मजिस्ट्रेट अनुराग पटेल ने एफआईआर को सही ठहराते हुए कहा कि किसी स्टोरी को करने का यह कोई तरीका नहीं है. अगर वह प्रिंट पत्रकार हैं तो उन्हें तस्वीरें लेनी चाहिए थी, वीडियो क्यों बनाया. इसलिए हमें लगता है कि वह साजिश का हिस्सा हैं.

मिर्जापुर: मिड-डे मील में नमक-रोटी खाते बच्चों का वीडियो बनाने वाले पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज

एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि ये वीडियो जानबूझकर और प्रायोजित तरीके से छलपूर्वक बनाया गया और उसे वायरल करते हुए सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न की गई है.