गुजरात दंगा: 15 साल बाद भी अमानवीय ज़िंदगी जीने को मज़बूर पीड़ित

2002 के गुजरात दंगों में विस्थापित हुए लोगों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. दंगों के 15 साल बाद भी उनके पास न ज़मीन है न आधारभूत सुविधाएं.