दिल्ली: नरेला में सीवर सफ़ाई के दौरान कर्मचारी की मौत का ज़िम्मेदार कौन?

वीडियो: दिल्ली के नरेला में सीवर की सफ़ाई के दौरान बिजेंद्र की मौत हो जाती है. उस वक़्त बिजेंद्र डीडीए के सीवर की सफ़ाई कर रहे थे. बिजेंद्र के परिवार में अब बस उनकी तीन बेटियां ही रह गई हैं. अभी तक किसी प्रकार की सरकारी मदद उनकी बेटियों तक नहीं पहुंची है.

मैला ढोने की प्रथा रोकने के लिए क़ानून बदलेगा, मशीन से सफाई कराना होगा अनिवार्य

विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर केंद्र ने सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज भी शुरू किया है, जिसका उद्देश्य सीवरों और सेप्टिक टैंकों की सफाई को लोगों द्वारा कराने से रोकना और मशीन से उनकी सफाई को बढ़ावा देना है.

सीवर सफाई के दौरान तीन वर्षों में हुई 271 सफाईकर्मियों की मौत: केंद्र सरकार

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की ओर से सूचना के अधिकार के तहत प्रदान किए गए आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है.

दिल्ली में 1993 के बाद से सीवर की सफाई के दौरान 64 लोगों की मौत: सफाई कर्मचारी आयोग

सीवर की सफाई करते हुए मारे गए इन 64 लोगों में राज्य सरकार ने 46 के परिवारों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया है. आयोग ने दिल्ली प्रशासन से बाकी परिवारों को एक हफ्ते के भीतर मुआवजा प्रदान करने को कहा है.

सुप्रीम कोर्ट की केंद्र को फटकार, कोई देश अपने लोगों को मरने के लिए गैस चैंबर में नहीं भेजता

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश की स्वतंत्रता को 70 साल से अधिक बीत चुके हैं लेकिन आज भी जातिगत भेदभाव बरक़रार है. हर महीने मैला ढोने के काम में लगे चार से पांच लोग की मौत हो रही है.

गाजियाबाद: सीवर लाइन बनाने के दौरान दम घुटने से पांच मजदूरों की मौत

ठेकेदार ने मजदूरों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को दस-दस लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है.

सीवर सफाईकर्मियों की मौतों से जुड़े मामलों में किसी को सज़ा नहीं हुई: सरकार

सामाजिक न्याय और अधिकारिता सचिव नीलम साहनी ने स्वीकार किया कि सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई के दौरान सफाई कर्मचारियों की मौत का सिलसिला अभी भी जारी है और सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के बावजूद इन सभी मामलों में 10 लाख रुपये के मुआवजे का भी भुगतान नहीं किया गया.

2019 के शुरुआती छह महीने में सीवर सफाई के दौरान 50 लोगों की मौतः रिपोर्ट

राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, ये आंकड़े सिर्फ आठ राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु के हैं.

हरियाणा में सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान जहरीली गैस से चार की मौत

आरोप है कि सफाईकर्मियों ने बिना सुरक्षा उपकरण के सेप्टिक टैंक में घुसने से मना कर दिया था, लेकिन उन पर दबाव डालकर टैंक साफ करने के लिए मजबूर किया गया.

गुजरात: सेप्टिक टैंक में दम घुटने से चार सफाई कर्मचारियों समेत सात की मौत

यह घटना गुजरात के दाभोई तालुका की है. सेप्टिक टैंक की सफाई करने उतरे सफाई कर्मचारियों को खोजने एक-एक कर लोग गए और सभी की अंदर दम घुटने से मौत हो गई.

दिल्ली: सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान दो मज़दूरों की मौत, तीन घायल

पुलिस ने बताया कि यह घटना मंगलवार दोपहर में रोहिणी के प्रेम नगर इलाके में हुई. पांच मज़दूर एक पुराने मकान के सेप्टिक टैंक में उतरने के बाद बेहोश हो गए. अस्पताल में इलाज के दौरान उनमें से दो को मृत घोषित कर दिया गया.

नोएडा: सीवर खुदाई के दौरान दो मजदूरों की मौत

घटना नोएडा के सेक्टर 107 के सलारपुर में हुई. सीवर की खुदाई करते समय पास के नाले का पानी गड्ढे में भर गया, जिसमें डूबने से मजदूरों की मौत हो गई. छह घंटों की मशक्कत के बाद एनडीआरएफ की गोताखोर टीम ने शवों को निकाला.

वाराणसी: सीवर में उतरे दो सफाई कर्मचारियों की मौत

उत्तर प्रदेश के वाराणसी कैंट इलाके में सीवर पाइपलाइन की सफाई के लिए बिना किसी सुरक्षा उपकरण के 40 फीट गहरे मेनहोल में उतरे थे सफाई कर्मचारी. शव मिलने के बाद मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने एंबुलेंस पर पथराव किया.

दिल्ली: सीवर की सफाई के दौरान लापता हुए 37 वर्षीय व्यक्ति की मौत

उत्तरी दिल्ली के तिमारपुर इलाके में रविवार दोपहर सीवर की सफाई करने गए किशन लापता हो गए थे. सीवर सफाई के दौरान दम घुटने से उनकी मौत हुई और सात घंटे बाद उनका शव बरामद किया गया.