सुप्रीम कोर्ट को यह समझ लेना चाहिए कि आरक्षण एक मौलिक अधिकार है

बराबरी न केवल अनुच्छेद 14 के तहत मिला मौलिक अधिकार है, बल्कि संविधान की प्रस्तावना में लिखित एक उद्देश्य तथा संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा भी है. समता का सिद्धांत यह है कि समान व्यक्तियों के साथ समान बर्ताव तथा अलग के साथ अलग बर्ताव किया जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका ख़ारिज करते हुए कहा, आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं

तमिलनाडु के विभिन्न राजनीतिक दलों ने 2020-21 में अंडरग्रेजुएट, पोस्ट-ग्रेजुएट चिकित्सा और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए अखिल भारतीय कोटा में तमिलनाडु द्वारा छोड़ी गईं सीटों में अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

मीडिया बोल: आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट, सत्ता और मीडिया

वीडियो: शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा कि पदोन्नति में आरक्षण वैकल्पिक है, अनिवार्य नहीं. राज्य इस बारे में अपने विवेक से तय कर सकते हैं, उन्हें आरक्षण देना है या नहीं. मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के वकील केएस चौहान, वरिष्ठ पत्रकार अशोक दास और वरिष्ठ पत्रकार बिराज स्वैन के साथ चर्चा कर रहे हैं.

अयोध्या फ़ैसला: इंसाफ़ के बिना शांति संभव नहीं

वीडियो: बीते नौ नवंबर को शीर्ष अदालत ने अयोध्या मामले में उन लोगों के पक्ष में फ़ैसला दिया, जो सीधे तौर पर बाबरी मस्जिद गिराने के मुख्य आरोपियों से जुड़े हुए हैं और यह देश के लिए ठीक नहीं है. इस विषय पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.