उत्तर कोलकाता में तैयार किया गया है पंडाल. आयोजनकर्ताओं के अनुसार, इसके माध्यम से वे इन सेक्स वर्करों की समाज में सहभागिता बढ़ाने और उन्हें वह सम्मान देने की कोशिश कर रहे जिसकी वो हक़दार हैं.
संस्मरण: मां जब छोटी थी तभी उनकी शादी करा दी गई. मां बड़ी हुईं तो उनकी सास ने उन्हें कोलकाता के एक कोठे पर बिठा दिया. सास और उनके बेटे का धंधा छोटी लड़कियों को ब्याह कर सोनागाछी में बेचने का था.