बजट 2021: उज्ज्वला योजना में जुड़ेंगे एक करोड़ और लाभार्थी, बीमा क्षेत्र में बढ़ी विदेशी निवेश सीमा

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी से एक विकास वित्त संस्थान यानी डीएफआई स्थापित करेगी. साथ ही सरकार अगले वित्त वर्ष में सरकारी बैंकों में 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी.

बजट 2021: कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ टीकाकरण के लिए 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान

बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री से वित्त वर्ष 2021-22 में 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है. सरकार का अगले वित्त वर्ष में दो सरकारी बैंकों तथा एक बीमा कंपनी में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री का इरादा है.

बजट 2021: स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 2.24 लाख करोड़ रुपये का प्रस्ताव

कोरोना महामारी के बीच सरकार ने 2021-22 के लिए स्वास्थ्य और कल्याण के क्षेत्र के लिए 2,23,846 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय का प्रस्ताव रखा. इसमें मौजूदा वित्त वर्ष के 94,452 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय की तुलना में 137 प्रतिशत का इज़ाफ़ा प्रस्तावित है.

लॉकडाउन के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को रोका जा सकता था

कोरोना महामारी से बचने के लिए हुए लॉकडाउन के दौरान विभिन्न सेवाओं के साथ स्वास्थ्य सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हुई थीं, लेकिन जानकारों का मानना है कि अगर राज्य सरकारें चाहतीं, तो इन सेवाओं में हुई गिरावट को रोका जा सकता था.

कोरोना: स्वास्थ्य सेवाओं का राष्ट्रीयकरण करने का निर्देश देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के राष्ट्रीयकरण की मांग वाली याचिका को 'गलत' बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार कोरोनो वायरस से संक्रमित व्यक्तियों के इलाज के लिए सभी प्रकार के प्रभावी कदम उठा रही है.

कोरोना वायरस: पूर्व स्वास्थ्य सचिव ने कहा, भारत सहित दुनिया ने शोध और विकास पर नहीं दिया ध्यान

पूर्व स्वास्थ्य सचिव के. सुजाता राव ने कहा है कि कुपोषण और स्वस्थ जीवनशैली के अभाव में काफी संख्या में लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है. ऐसे में बीमारियों को लेकर सतत रूप से अनुसंधान पर ध्यान देने की जरूरत है, जिसकी हमारे देश में काफी कमी है.

कोविड वायरस: भारत में स्वास्थ्य सेवाओं के राष्ट्रीयकरण के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

याचिका में कहा गया है कि भारत में कम बजट के आवंटन की वजह से सार्वजनिक स्वास्थ्य का क्षेत्र हमेशा ही खस्ताहाल रहा है. याचिका में दावा किया गया है कि दुनिया भर में इस महामारी पर अंकुश लगने तक स्वास्थ सुविधाओं का राष्ट्रीयकरण किया जा चुका है.

दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य कार्यक्रम से ग़रीबों का नहीं कॉरपोरेट का भला होगा

यह बजट दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के बारे में न होकर एक ऐसे देश का बजट था, जो स्वास्थ्य पर दुनिया के किसी भी देश की तुलना में कम ख़र्च करता है, जहां सरकार चाहे कोई भी हो, नागरिकों के स्वास्थ्य को लेकर कोई प्रतिबद्धता नहीं दिखाती.