लोकसभा में सरकार द्वारा दिए आंकड़ों के अनुसार बीते चार सालों से अधिक समय में जम्मू कश्मीर में आतंकी हमलों की घटनाओं में 177 फीसदी से अधिक का इज़ाफा हुआ है. साल 2014 में राज्य में आतंकवाद की 222 घटनाएं हुई थीं जबकि 2018 में यह संख्या 614 रही.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्विटर पर दावा किया कि उनके दो साल के शासन में कोई दंगा नहीं हुआ है. हालांकि सरकारी रिपोर्ट बताती है कि सिर्फ साल 2017 में ही उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा की कुल 195 घटनाएं हुई हैं. इस दौरान 44 लोगों की मौत हो गई और 542 लोग घायल हुए.
गृह मंत्रालय ने बताया कि भारत में साल 2004 से 2017 के बीच सांप्रदायिक हिंसा की 10,399 घटनाएं हुईं. इसमें 1,605 लोग मारे गए और 30,723 लोग घायल हुए.
सांप्रदायिक हिंसा की सबसे ज़्यादा घटनाएं उत्तर प्रदेश में हुईं. यहां 2014 से लेकर 2017 तक में 645 मामले सामने आए जिसमें 121 लोग मारे गए. ये आंकड़ा सभी राज्यों में मारे गए लोगों का लगभग 32 प्रतिशत है.
राज्यसभा में सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 2015 और 2016 में महाराष्ट्र में सर्वाधिक छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या की है.