हरेन पांड्या हत्याकांडः सुप्रीम कोर्ट ने बदला गुजरात हाईकोर्ट का फैसला, सभी 12 आरोपियों को दोषी ठहराया

मार्च 2003 में गुजरात की नरेंद्र मोदी सरकार के गृह मंत्री हरेन पांड्या की अहमदाबाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. निचली अदालत ने सभी आरोपियों को पांच साल से लेकर उम्रकैद तक की सज़ा सुनाई थी, जिसे पलटते हुए हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था.

गुजरात के पूर्व मंत्री हरेन पांड्या हत्या मामले की नए सिरे से जांच के लिए याचिका

गैर सरकारी संग‍ठन सीपीआईएल द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि सामने आई कुछ नई जानकारियां डीजी वंज़ारा समेत कुछ आईपीएस अधिकारियों की पांड्या की हत्या की साज़िश में शामिल होने की संभावना बताती हैं.

क्यों हरेन पांड्या हत्याकांड मामले के शुरुआती जांच अधिकारी इसकी दोबारा जांच चाहते हैं

मुख्यमंत्री के बतौर नरेंद्र मोदी के 13 साल के कार्यकाल के दौरान हुईं अनसुलझी हत्याओं और मुठभेड़ों में हरेन पांड्या की हत्या कई मायनों में सबसे बड़ी पहेली है. इस मामले की दोबारा जांच किए जाने में जितनी देरी की जाएगी, इसके सुरागों के पूरी तरह से नष्ट हो जाने की संभावना बढ़ती जाएगी.

कहीं अमित शाह अपने गुनाहों के इतने ग़ुलाम तो नहीं हो चुके कि हार से डर लगने लगा?

संस्थाएं ग़ुलाम हो चुकी हैं. मीडिया बाकायदा गोदी मीडिया हो चुका है, सब कुछ आपकी आंखों के सामने मैनेज होता दिख रहा है, फिर भी अमित शाह को क्यों डर लगता है कि 2019 में हार गए तो ग़ुलाम हो जाएंगे? क्या वे भाजपा के कार्यकर्ताओं को डरा रहे हैं? जीत के प्रति जोश भरने का यह कौन-सा तरीक़ा हुआ कि हार जाएंगे तो ग़ुलाम हो जाएंगे?

सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में सभी 22 आरोपी बरी

सोहराबुद्दीन हत्या मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने कहा कि इस मामले का मुख्य आधार चश्मदीद गवाह थे, जो अपने बयान से मुकर गए. नवंबर 2017 से शुरू हुई सुनवाई में 210 गवाहों की जांच की गई, जिनमें से 92 अपने बयान से पलट गए.

अमित शाह का पीछा करती फ़र्ज़ी एनकाउंटर की ख़बरें और ख़बरों से भागता मीडिया

क्या अमित शाह कभी सोचते होंगे कि हरेन पांड्या की हत्या और सोहराबुद्दीन-कौसर बी-तुलसीराम एनकाउंटर की ख़बर ज़िंदा कैसे हो जाती है? अमित शाह जब प्रेस के सामने आते होंगे तो इस ख़बर से कौन भागता होगा? अमित शाह या प्रेस?

हरेन पांड्या और सोहराबुद्दीन एनकाउंटर तक के राज़ जानने वाले आज़म खान को कौन मारना चाहता है?

द वायर एक्सक्लूसिव: एक मुख्य गवाह के बतौर आज़म खान गुजरात के पूर्व गृह मंत्री और भाजपा नेता हरेन पांड्या की हत्या से लेकर सोहराबुद्दीन शेख़ के एनकाउंटर से जुड़े कई राज़ जानते हैं. यही वजह है कि उन्हें अपनी जान पर ख़तरा नज़र आ रहा है.

हम भी भारत, एपिसोड 55: किसने की नरेंद्र मोदी के राजनैतिक विरोधी हरेन पांड्या की हत्या?

हम भी भारत की 55वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी भाजपा नेता हरेन पांड्या हत्याकांड को लेकर वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और द कारवां पत्रिका के राजनीतिक संपादक हरतोष सिंह बल से चर्चा कर रही हैं.