केंद्र ने सुरक्षा संबंधी रिटायर अफ़सरों द्वारा ‘संवेदनशील जानकारी’ के प्रकाशन पर रोक लगाई

केंद्र सरकार ने कहा है कि खुफ़िया और सुरक्षा संबंधी संस्थानों में काम कर चुके सेवानिवृत्त अधिकारियों को संस्थान प्रमुख को वचन देना होगा कि वे इस प्रकार की सूचना प्रकाशित नहीं करेंगे. ऐसा नहीं करने पर उनकी पेंशन रोक लगा दी जाएगी या वापस ले ली जाएगी. इसके अलावा संगठन प्रमुख फैसला करेगा कि प्रस्तावित सामग्री संवेदनशील है या नहीं.

दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी, विश्व के 30 प्रदूषित शहरों में 22 भारत के

स्विस संगठन ‘आईक्यू एयर’ की ‘वर्ल्ड एयर क्वॉलिटी रिपोर्ट 2020' के मुताबिक दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में 10वें नंबर पर है. दुनिया में सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहर चीन का शिंजियांग है. उसके बाद शीर्ष 10 में से 9 शहर भारत के हैं. दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में गाजियाबाद दूसरे स्थान पर है.

यूपी और हिमाचल के बाद मध्य प्रदेश में भी धर्मांतरण विरोधी विधेयक को मंज़ूरी, अधिकतम 10 साल की सज़ा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई विशेष बैठक में इसे हरी झंडी दी गई. विधेयक में सामूहिक धर्म परिवर्तन कराए जाने पर कम से कम पांच साल और अधिकतम दस साल के कारावास और एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है. इस अधिनियम के तहत दर्ज मामले ग़ैर-ज़मानती होंगे.

उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी क़ानून लागू होने के बाद दर्ज पहले मामले का आरोपी गिरफ़्तार

उत्तर प्रदेश बरेली ज़िले का मामला. राज्य में धर्मांतरण रोकने के लिए लाए गए क़ानून के तहत यह पहला गिरफ़्तारी है. इस क़ानून में विवाह के लिए छल-कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष कारावास और 50 हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा का प्रावधान किया गया है.

निजी क्षेत्र में स्थानीय युवकों को 75 फ़ीसदी आरक्षण संबंधी विधेयक हरियाणा विधानसभा में पारित

हरियाणा के ‘रोज़गार विधेयक, 2020’ में निजी क्षेत्र की ऐसी नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया, जिनमें वेतन प्रति माह 50,000 रुपये से कम है. इस विधेयक के प्रावधान निजी कंपनियों, सोसाइटियों, ट्रस्टों और साझेदारी वाली कंपनियों पर भी लागू होंगे.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गर्भपात कराने के लिए अधिकतम सीमा बढ़ाकर 24 सप्ताह करने को मंजूरी दी

चिकित्सा गर्भपात संशोधन विधेयक, 2020 में विशेष तरह की महिलाओं के गर्भपात के लिए गर्भावस्था की सीमा 20 से बढ़ाकर 24 सप्ताह करने का प्रस्ताव है. इनमें दुष्कर्म पीड़ित, सगे-संबंधियों के साथ यौन संपर्क की पीड़ित और अन्य महिलाएं (दिव्यांग महिलाएं, नाबालिग) भी शामिल होंगी.