निर्धारित समयसीमा तक पैन को आधार से लिंक न कराने पर जुर्माना 1,000 रुपये था. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया है कि 29 जनवरी, 2024 तक आधार से लिंक न होने वाले पैन की संख्या 11.48 करोड़ है.
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) आधार आधारित भुगतान प्रणाली का कार्यान्वयन 30 जनवरी 2023 को अनिवार्य कर दिया गया था, हालांकि बाद में इसे लागू करने के लिए कई विस्तार दिए गए थे. 31 दिसंबर 2023 के बाद राज्यों को कोई विस्तार नहीं दिए जाने के कारण एबीपीएस 1 जनवरी 2024 से अनिवार्य हो गया.
अपने नागरिकों के लिए ‘आधार’ जैसी पहचान प्रणाली तैयार करने की दिशा में श्रीलंका द्वारा किए गए समझौते में 400 करोड़ रुपये की अनुदान राशि भारत सरकार प्रदान करेगी. इस प्रणाली में व्यक्ति की आंखों का रंग, उंगलियों के निशान और खून के प्रकार जैसे बायोमेट्रिक डेटा शामिल होंगे.
विभिन्न राज्य सरकारों ने 2022-23 में मनरेगा डेटाबेस से 5 करोड़ से अधिक जॉब कार्ड हटा दिए हैं, जो 1 करोड़ से 1.5 करोड़ जॉब कार्ड हटाने के वार्षिक औसत से कहीं अधिक है. एक अध्ययन में अनुमान लगाया गया है राज्यों ने जॉब कार्ड हटाने में तेज़ी ला दी है, क्योंकि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 100 प्रतिशत आधार आधारित भुगतान प्रणाली के अनुपालन पर ज़ोर दिया है.
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम में जॉब कार्ड हटाना और नए जॉब कार्ड जारी करना नियमित प्रथा है, लेकिन हाल ही में हटाए गए कार्डों की बड़ी संख्या ने चिंता पैदा कर दी है. इन नामों के हटने के पीछे का मुख्य कारण आधार-आधारित भुगतान प्रणाली का कार्यान्वयन बताया जा रहा है.
आधार की व्यावहारिकता पर सवाल उठाने वाली रेटिंग एजेंसी मूडीज़ की रिपोर्ट पर कड़ी आपत्ति जताते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि रिपोर्ट ‘बिना किसी सबूत या आधार का हवाला दिए’ तैयार की गई है. इसमें दुनिया की सबसे भरोसेमंद डिजिटल पहचान ‘आधार’ के ख़िलाफ़ बढ़-चढ़कर दावे किए गए हैं.
केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना 'आयुष्मान भारत' पर कैग द्वारा सौंपी गई ऑडिट रिपोर्ट में कई गड़बड़ियों की ओर इशारा किया गया है. तमिलनाडु में पंजीकृत 1,285 लाभार्थियों की आधार संख्या '0000000000' दर्शाई गई है. वहीं, 7.5 लाख लाभार्थी के मोबाइल नंबर समान पाए गए.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरपर्सन नितिन गुप्ता ने कहा कि क़रीब 48 करोड़ पैन कार्ड को अब तक आधार से जोड़ा जा चुका है. अब भी 13 करोड़ पैन कार्ड ऐसे हैं, जिन्हें आधार से लिंक नहीं किया गया है. सरकार ने कहा है कि मौजूदा समय से 31 मार्च के बीच पैन को आधार से जोड़ने के लिए 1,000 रुपये का शुल्क देना होगा.
यूआईडीएआई ने कहा कि नागरिक परिवार के मुखिया से संबंध दर्शाने वाला कोई दस्तावेज़- जैसे राशन कार्ड, पासपोर्ट आदि जमा कर पते को ऑनलाइन अपडेट कर सकते हैं. अगर किसी के पास ऐसा कोई दस्तावेज़ नहीं है तो वह परिवार के मुखिया की तरफ से एक निर्धारित प्रारूप में की गई स्व-घोषणा जमा कर सकता है.
भारतीय निर्वाचन आयोग ने 1 अगस्त से आधार और मतदाता पहचान पत्र को लिंक करने का एक स्वैच्छिक अभियान शुरू किया था, जिसमें 12 दिसंबर तक 54.32 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं से उनका आधार नंबर जुटाया गया, लेकिन अब सूचना के अधिकार से पता चला है कि आयोग ने अब तक किसी भी मतदाता पहचान पत्र को आधार से लिंक नहीं किया है.
तमिलनाडु के वित्त सचिव द्वारा 15 दिसंबर को जारी एक आदेश में कहा गया है कि आधार विभिन्न सेवाओं, लाभों या सब्सिडी के वितरण के लिए एक पहचान दस्तावेज़ के रूप में सरकारी वितरण प्रक्रिया को सरल बनाता है. किसी व्यक्ति के पास अगर आधार नहीं है तो उसे सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए इसके लिए नामांकन करना होगा.
लोकसभा में तीन सदस्यों द्वारा उठाए गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि आधार को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ना स्वैच्छिक है और इसे जोड़ने के लिए मतदाता की सहमति प्राप्त करना आवश्यक है.
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया है कि लगभग 95 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से, 55 से 56 करोड़ मतदाता स्वेच्छा से मतदाता पहचान पत्र से जोड़ने के लिए अपना आधार विवरण प्रदान कर चुके हैं.
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अभय एस. ओका ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि आधार क़ानून में संशोधन किया जाना चाहिए, ताकि महत्वपूर्ण दस्तावेज़ से वंचित लोगों को राहत दी जा सके. शिक्षित वर्ग के बीच क़ानूनी साक्षरता की कमी पर खेद व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि लोग चुपचाप अन्याय सहते हैं, क्योंकि वे समाधान का लाभ नहीं उठा पाते हैं.
उत्तर प्रदेश के गोंडा ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि तीन फ़कीरों से अभद्रता के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि इस तथ्य की भी जानकारी की जा रही है कि ये तीनों फ़कीर कौन लोग थे और किस कारण से उस ग्रामसभा में गए थे.