आमिर ख़ान को धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले विज्ञापनों से दूर रहना चाहिए: एमपी के गृहमंत्री

बॉलीवुड अभिनेता आमिर ख़ान और अभिनेत्री कियारा आडवाणी को एक निजी बैंक के विज्ञापन में नवविवाहित जोड़े के रूप में दिखाया गया जिसमें विदाई के बाद दूल्हा, दुल्हन के घर में पहला क़दम रखता है. इसे भारतीय परंपराओं और रीति-रिवाजों के ख़िलाफ़ बताकर इस पर आपत्ति जताई गई है.

आमिर ख़ान ने अपनी फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ के बहिष्कार पर कहा, उन्हें देश से प्यार है

फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ का बहिष्कार करने का आह्वान करते हुए ट्विटर पर किए गए कई पोस्ट में 2015 के एक विवाद को याद दिलाया गया है. उस वक़्त आमिर ख़ान ने कहा था कि वह भारत में ‘असहिष्णुता’ बढ़ने की कई घटनाओं के चलते सतर्क हो गए हैं और उनकी तत्कालीन पत्नी किरण राव ने सुझाव दिया था कि उन्हें संभवत: देश छोड़ देना चाहिए.

मु​स्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रत रोकने के लिए नसीरुद्दीन शाह ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया

अभिनेता शाहरुख़, सलमान और आमिर ख़ान की राजनीतिक मुद्दों पर चुप्पी को लेकर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कहा, ‘मैं उनके लिए नहीं बोल सकता. मुझे लगता है कि उन्हें लगता है कि वे बहुत अधिक जोख़िम उठा रहे होंगे, लेकिन फ़िर मुझे नहीं पता कि वे इसके बारे में अपनी अंतरात्मा को कैसे समझाते हैं. मुझे लगता है कि वे ऐसी स्थिति में हैं, जहां उनके पास खोने के लिए बहुत कुछ है.’

फिल्मकारों को फिल्म की शूटिंग की मंजूरी के लिए स्क्रिप्ट जमा करानी होगीः जम्मू कश्मीर सरकार

जम्मू एवं कश्मीर फिल्म विकास परिषद की वेबसाइट के मुताबिक नई फिल्म नीति के तहत दिशानिर्देशों में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर में शूटिंग की मंजूरी लेने के लिए फिल्मकारों को फिल्म की स्क्रिप्ट का पूरा ब्यौरा और सार जमा कराना होगा. फिल्म की स्क्रिप्ट का मूल्यांकन जम्मू और कश्मीर फिल्म सेल द्वारा गठित समिति के एक विशेषज्ञ द्वारा किया जाएगा.

पीएम केयर्स फंड और आमिर ख़ान पर हंगामा

सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को ख़ारिज कर दिया जिसके तहत ये मांग की गई थी कि पीएम केयर्स फंड में प्राप्त राशि नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड (एनडीआरएफ) में ट्रांसफर की जाए. दूसरी ओर अभिनेता आमिर ख़ान की तुर्की की प्रथम महिला से मुलाकात पर बवाल मचा हुआ है. इन मुद्दों पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

‘लव कमांडोज़’ के संचालक युवक-युवतियों से जबरन वसूली के आरोप में गिरफ़्तार

लव कमांडोज़ नाम का एनजीओ अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाह करने वाले युवक-युवतियों को मिलाने में मदद करता है. संगठन के गिरफ़्तार संचालक संजय सचदेव अभिनेता आमिर ख़ान के टीवी-शो सत्यमेव जयते में शामिल होने के बाद सुर्ख़ियों में आए थे.

भारत को नसीरुद्दीन शाह जैसे और लोगों की ज़रूरत है

जहां बॉलीवुड के अधिकतर अभिनेता सच से मुंह मोड़ने और चुप्पी ओढ़ने के लिए जाने जाते हैं, वहीं मुखरता नसीरुद्दीन शाह की पहचान रही है. उनका व्यक्तित्व उन्हें फिल्म इंडस्ट्री की उस भीड़ से अलग करता है, जिसके लिए शक्तिशाली की शरण में जाना, गिड़गिड़ाते हुए माफ़ी मांगना और कभी भी मन की बात न कहना एक रिवाज़-सा बन चुका है.

नसीरुद्दीन शाह के बयान पर विवाद- न तड़पने की इजाज़त है, न फ़रियाद की

देश में निचले सामाजिक स्तर तक भय व अविश्वास का ऐसा माहौल बना दिया गया है कि प्रतिरोध की सारी आवाजें घुटकर रह गईं और अब ऊपरी स्तर पर कोई आमिर ख़ान अपना डर या नसीरुद्दीन शाह ग़ुस्सा जताने लगता है, तो उनका मुंह नोंचने की सिरफिरी कोशिशें शुरू कर दी जाती हैं.

हमारे सुपरस्टार सत्ता की ख़ुशामद क्यों करते हैं?

एक बार शोहरत या पैसा, या दोनों हासिल कर लेने के बाद भारतीय अभिनेता, कारोबारी और खिलाड़ी सामाजिक मुद्दों या सरकार के ख़िलाफ़ बोलकर इसे दांव पर लगाने का ख़तरा मोल नहीं लेना चाहते.

बीफ वीडियो पर काजोल का सफाई देना इस डरावने दौर का सबूत है

हिंदुस्तान में जो व्यक्ति जितना ज़्यादा ताकतवर और प्रसिद्ध है, उसके सत्ता के पक्ष में बयान देने की संभावना उतनी ज़्यादा रहती है. चाहे वे फिल्म स्टार हों या बिज़नेसमैन, सभी ने सत्तारूढ़ दल के साथ खड़े होने की अपनी वजहें तलाश ली हैं.

अक्षय को राष्ट्रीय पुरस्कार देने वाले जूरी अध्यक्ष बोले, दंगल सामाजिक मुद्दे पर बात नहीं करती

जूरी अध्यक्ष प्रियदर्शन ने कहा कि जब रमेश सिप्पी ने अमिताभ बच्चन को पुरस्कार दिया था तब किसी ने सवाल नहीं उठाया तो आज मुझ पर सवाल क्यों?