भारत के विचार पर व्यापक और समावेशी विचार-विमर्श, संवाद की जगह कहां है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: हमारी सभ्यता आरंभ से ही प्रश्नवाचक रही है और उसकी प्रश्नवाचकता-असहमति-वाद-विवाद, संवाद का भारत में पुनर्वास करने की ज़रूरत है. इस समय जो धार्मिक और बौद्धिक, राजनीतिक और बाज़ारू ठगी हमें दिग्भ्रमित कर रही है, उससे अलग कोई रास्ता कौन तलाश करेगा यह हमारे समय का एक यक्षप्रश्न है.

इब्राहिम अलकाज़ी, रंगमंच और अभिनय की बात, राजेंद्र गुप्ता के साथ

वीडियो: कुछ ही समय पहले भारतीय रंगमंच ने अपने शिखर व्यक्तित्वों में से एक इब्राहिम अलकाज़ी को खो दिया. वह रंगमंच की दुनिया में कलाकारों की एक ऐसी पीढ़ी तैयार कर गए हैं, जिन्हें अपने-आप में अभिनय का स्कूल कहा जाता है. रंगमंच, टेलीविज़न और फिल्मों में अपनी छाप छोड़ने वाले राजेंद्र गुप्ता से द वायर की दामिनी यादव की बातचीत.

‘हम अभिनय के छात्र हैं और बिना प्रैक्टिकल किए हमारी पढ़ाई पूरी नहीं हो सकती’

भोपाल में मध्य प्रदेश स्कूल ऑफ ड्रामा के एक वर्षीय अभिनय प्रशिक्षण कोर्स के 2019-20 सत्र के विद्यार्थी बीते दो सप्ताह से अधिक समय से प्रबंधन के ख़िलाफ़ आंदोलनरत हैं. उनका कहना है कि कोरोना के चलते उनके बैच को प्रमोशन देकर नया सत्र शुरू किया जा रहा है जबकि उनका प्रशिक्षण अभी तक पूरा नहीं हुआ है.

एक बार आप उम्रदराज़ महिला का रोल कर लें फिर लीड रोल नहीं कर सकते: शेफाली शाह

सत्या, मॉनसून वेडिंग, वक़्त: द रेस अगेंस्ट टाइम, गांधी माय फादर, द लास्ट लीयर, लक्ष्मी, दिल धड़कने दो जैसी फिल्मों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली शेफाली शाह हाल ही में रिलीज़ फिल्म वंस अगेन में मुख्य भूमिका में नज़र आईं. उनसे प्रशांत वर्मा की बातचीत.

अदाकार वही है जो गांधी का भी रोल कर ले और विलेन का भी: नीरज कबि

फिल्म शिप ऑफ थिसियस, मॉनसून शूटआउट, डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी, तलवार, वेब सीरीज़ सेक्रेड गेम्स और हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ फिल्म वंस अगेन में मुख्य भूमिका में नज़र आए अभिनेता नीरज कबि से प्रशांत वर्मा की बातचीत.