क्यों पश्चिम बंगाल के जंगलमहल में राष्ट्रवाद से बड़ा चुनावी मुद्दा शिक्षा है

सड़क से संसद: तमाम सरकारों का मानना है कि नक्सलियों को सेना से नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन पश्चिम बंगाल के झारग्राम के जंगलमहल ने इसे गलत साबित किया है. यहां शिक्षा सभी चुनावी मुद्दों पर भारी है.

बड़े दलों ने संथा​ली लोगों पर ध्यान नहीं दिया: संथाली सिनेमा की सुपरस्टार बीरबाहा हंसदा

सड़क से संसद: पश्चिम बंगाल के झारग्राम में संथाली सिनेमा की सुपरस्टार रहीं ​बीरबाहा हंसदा से बातचीत. बीरबाहा अब राजनीति में हैं. उनका कहना है कि बड़े राजनीतिक दल संथाली लोगों के अलावा दूसरे आदिवासी समूहों और उनके मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया.

पश्चिम बंगाल: झारग्राम में आदिवासियों की आवाज़ संसद तक पहुंचाने की लड़ाई

सड़क से संसद: पश्चिम बंगाल की आदिवासी बहुल झारग्राम लोकसभा सीट पर बहुत सारे आदिवासी संगठन संसद में अपना प्रतिनिधि चाहते हैं, ताकि वे अपनी आवाज़ मज़बूती के साथ रख सकें.

‘जब तक यहां से वेदांता रिफाइनरी नहीं हटती, नियमगिरी की लड़ाई जारी रहेगी’

ओडिशा के नियमगिरी क्षेत्र के लोग त्रिलोचनपुर गांव में बनी सीआरपीएफ छावनी और नियमगिरी सुरक्षा समिति के नेता लिंगराज आज़ाद की हालिया गिरफ़्तारी को वेदांता की वापसी से जोड़कर देख रहे हैं.

झारखंड आदिवासी लिंचिंग के पीड़ितों ने कहा, हमें पीटने वाली भीड़ जय श्रीराम के नारे लगा रही थी

झारखंड के गुमला ज़िले में बीते 10 अप्रैल को गोहत्या के शक में भीड़ ने कुछ आदिवासियों पर हमला कर दिया था. इसमें एक आदिवासी की मौत हो गई थी, जबकि तीन अन्य घायल हो गए थे.

राजस्थान के आदिवासी भील किसी भी दल की प्राथमिकता में क्यों नहीं हैं

ग्राउंड रिपोर्ट: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ ज़िले में रहने वाले आदिवासी भील समुदाय के लोग भूख, ग़रीबी, बीमारी का शिकार होकर अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं.

झारखंडः गोहत्या के शक़ में भीड़ के हमले में घायल तीनों आदिवासियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज

झारखंड के गुमला ज़िले में गोहत्या के संदेह में भीड़ ने आदिवासियों पर हमला कर दिया था. इससे एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी और तीन लोग घायल हो गए थे.

झारखंड: गोहत्या के शक़ में भीड़ ने की आदिवासियों की पिटाई, एक की मौत

घटना गुमला ज़िले के जुरमू गांव में हुई, जहां आदिवासी समुदाय के कुछ लोग एक मृत बैल का मांस निकाल रहे थे, जब पड़ोस के गांव के कुछ लोगों ने उन्हें देखा और गोहत्या के संदेह में उन पर हमला कर दिया. इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन घायल अस्पताल में भर्ती हैं.

भाजपा के संकल्प पत्र में आदिवासियों की अनदेखी

अपने संकल्प पत्र में भारतीय जनता पार्टी ने आदिवासियों और परंपरागत वन निवासियों को लेकर जिस कदर बेरुखी दिखाई है उससे यह साबित हो रहा है कि पार्टी को देश के इन नागरिकों की कोई चिंता नहीं है.

मध्य प्रदेश: आदिवासियों के लिए लोकसभा चुनाव में जंगल पर अधिकार प्रमुख मुद्दा है

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में हाल ही में प्रदर्शन कर आदिवासियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछा कि सुप्रीम कोर्ट में वन अधिकार क़ानून पर सुनवाई के दौरान उनकी सरकार मौन क्यों थी?

विपक्ष को मोदी के उग्र एजेंडा के जाल से बचना होगा

भाजपा ने आम चुनाव में राष्ट्रवाद और पाकिस्तान से ख़तरे को मुद्दा बनाने का मंच सजा दिया है. वो चाहती है कि विपक्ष उनके उग्रता के जाल में फंसे, क्योंकि विपक्षी दल उसकी उग्रता को मात नहीं दे सकते. विपक्ष को यह समझना होगा कि जनता में रोजगार, कृषि संकट, दलित-आदिवासी और अल्पसंख्यकों पर बढ़ते अत्याचार जैसे मुद्दों को लेकर काफी बेचैनी है और वे इनका हल चाहते हैं.

‘जंगल और ज़मीन पर आदिवासियों का हक़ है, हमें यहां से कोई नहीं निकाल सकता’

वीडियो: जंगल से आदिवासियों को बेदख़ल करने के मुद्दे के ख़िलाफ़ नई दिल्ली में विभिन्न आदिवासी संगठनों ने प्रदर्शन किया. उनकी मांग है कि वन अधिकार कानून-2006 को सख़्ती से लागू किया जाए. प्रदर्शनकारियों से संतोषी की बातचीत.

पुलिस छावनी नहीं, पहाड़ों में स्कूल, अस्पताल चाहिए

सुप्रीम कोर्ट से खनन पर रोक के आदेश आने के बाद आज लोग ओडिशा में नियमगिरि के आसपास स्थापित पुलिस छावनियों को हटाने की मांग को लेकर संघर्षरत हैं.

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