द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
एडीआर के अनुसार, 2016-17 और 2021-22 के बीच भाजपा को अन्य सभी राष्ट्रीय दलों की तुलना में तीन गुना अधिक चंदा मिला, जिसमें से 52%से अधिक चुनावी बॉन्ड से आया.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को अज्ञात स्रोतों से कुल 887.55 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जिसमें से 93.26 फीसदी या 827.76 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड के माध्यम से प्राप्त हुए.
चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि मतगणना में वीवीपैट पर्चियों की गिनती की शुरुआत से ही ईवीएम में मतदाताओं का विश्वास हासिल किया जा सकता है. वीवीपैट प्रणाली के साथ ईवीएम मतदान प्रणाली का सटीक होना सुनिश्चित करते हैं.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयुक्त के रूप में अरुण गोयल की नियुक्ति मनमाना और संस्थागत अखंडता और चुनाव आयोग की स्वतंत्रता का उल्लंघन है. गोयल को 19 नवंबर 2022 को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और कर्नाटक इलेक्शन वॉच द्वारा 2004 से विश्लेषित किए गए 801 सांसदों/विधायकों में से 239 ने उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें से 150 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. भाजपा में गंभीर आपराधिक मामलों वाले विधायकों/सांसदों की संख्या सर्वाधिक है.
पूर्व वित्त सचिव ईएएस सरमा ने कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को लिखे एक पत्र में कहा है कि विदेशी चंदे को लेकर मूल समस्या से निपटने के बजाय हर्ष मंदर के एनजीओ अमन बिरादरी का उत्पीड़न न्याय का उपहास करना है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने राजनीतिक दलों के आयकर रिटर्न और भारतीय निर्वाचन आयोग के समक्ष दायर किए गए दान प्राप्ति के विवरणों के आधार पर किए गए विश्लेषण में पाया गया कि वित्त वर्ष 2004-05 और 2020-21 के बीच आठ राष्ट्रीय दलों ने 15,077.97 करोड़ रुपये अज्ञात स्रोतों से प्राप्त किए.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार, आठ राष्ट्रीय दलों ने वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 3289.34 करोड़ रुपये की आय प्राप्त होने की घोषणा की है, जिसमें से आधे से अधिक, क़रीब 1,917.12 करोड़ रुपये भाजपा के हिस्से में आए. वित्त वर्ष 2020-21 के मुक़ाबले भाजपा की आय दोगुनी से अधिक हुई है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के अनुसार, वर्ष 2021-22 के लिए राष्ट्रीय राजनीतिक दलों ने कुल 780.774 करोड़ रुपये प्राप्त होने की घोषणा की है. भाजपा द्वारा घोषित चंदा इस अवधि में कांग्रेस, एनसीपी, भाकपा, माकपा, एनपीईपी, तृणमूल कांग्रेस द्वारा घोषित कुल चंदे से तीन गुना से अधिक है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार, सबसे अधिक इज़ाफ़ा कर्नाटक के भाजपा सांसद रमेश चंदप्पा जिगाजिनागी की संपत्ति में हुई है. उनकी संपत्ति में इस अवधि में 4,189 प्रतिशत की वृद्धि हुई. कर्नाटक से ही भाजपा सांसद पीसी मोहन उन शीर्ष 10 सांसदों की सूची में दूसरे नंबर पर हैं, जिनकी संपत्ति में 2009 और 2019 के बीच में वृद्धि हुई.
इलेक्टोरल ट्रस्टों के माध्यम से राजनीतिक दलों को मिले चंदे का विश्लेषण कर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने बताया है कि वर्ष 2021-22 में इन ट्रस्टों के माध्यम से राजनीतिक दलों को क़रीब 487 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जिसमें से भाजपा को 351.50 करोड़ रुपये मिले. वहीं, कांग्रेस को इससे सिर्फ़ 18.44 करोड़ रुपये चंदा मिला है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट में विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों के हलफ़नामों का हवाला देते हुए बताया गया है कि आम आदमी पार्टी के 61, कांग्रेस के 60 और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के 32 प्रत्याशियों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
मोदी सरकार ने चुनावी बॉन्ड योजना,2018 में एक संशोधन करते हुए प्रावधान किया है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभा के चुनावों के वर्ष में बॉन्ड की बिक्री 15 अतिरिक्त दिन और होगी. कई राज्यों में चुनाव से ठीक पहले सरकार के इस क़दम को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं.