केंद्र सरकार ने 2018-19 से प्रचार पर तक़रीबन 3,100 करोड़ रुपये से अधिक ख़र्च किए

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में बताया कि 2018-19 से प्रचार पर कुल 3,100.42 करोड़ रुपये ख़र्च हुए है. 2018-19 में प्रचार पर 1,179.17 करोड़ रुपये और 2019-20 में विभिन्न मीडिया माध्यमों पर 708.18 करोड़ रुपये ख़र्च किए गए थे.

पिछले पांच सालों में केंद्र सरकार ने विज्ञापनों पर 3,723.38 करोड़ रुपये ख़र्च किए

राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक केंद्र सरकार ने विज्ञापनों पर 154.07 करोड़ रुपये ख़र्च किए हैं. मंगलवार को ठाकुर ने लोकसभा में बताया था कि 2014 से केंद्र ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विज्ञापनों पर 6,491.56 करोड़ रुपये ख़र्चे हैं.

राजस्थान: अख़बार को विज्ञापन देने से मना करने पर प्रेस काउंसिल ने अशोक गहलोत की खिंचाई की

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि सरकारी योजनाओं का प्रचार करने वाले अख़बार को ही विज्ञापन दिए जाएंगे. प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने इसका स्वत: संज्ञान लिया और कहा कि इससे सार्वजनिक हित और महत्व के समाचारों की आपूर्ति और प्रसार करने की अख़बारों की क्षमता समाप्त हो जाएगी.

आमिर ख़ान को धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले विज्ञापनों से दूर रहना चाहिए: एमपी के गृहमंत्री

बॉलीवुड अभिनेता आमिर ख़ान और अभिनेत्री कियारा आडवाणी को एक निजी बैंक के विज्ञापन में नवविवाहित जोड़े के रूप में दिखाया गया जिसमें विदाई के बाद दूल्हा, दुल्हन के घर में पहला क़दम रखता है. इसे भारतीय परंपराओं और रीति-रिवाजों के ख़िलाफ़ बताकर इस पर आपत्ति जताई गई है.

ऑनलाइन सट्टेबाज़ी साइट का विज्ञापन दिखाने से बचें न्यूज़ वेबसाइट व टीवी चैनल: केंद्र

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी परामर्श में कहा कि समाचार वेबसाइट, ओटीटी प्लेटफॉर्म और निजी टीवी चैनल ऑनलाइन सट्टेबाजी साइट का विज्ञापन दिखाने से दूर रहें. अन्यथा लागू कानूनों के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.

बीते तीन साल में विज्ञापनों पर केंद्र सरकार ने 911.17 करोड़ रुपये ख़र्च किए

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा को बताया कि सरकार ने 2019-20 में 5,326 अख़बारों में विज्ञापनों पर 295.05 करोड़ रुपये, 2020-21 में 5,210 अख़बारों में विज्ञापनों पर 197.49 करोड़ रुपये, 2021-22 में 6,224 अख़बारों में विज्ञापनों पर 179.04 करोड़ रुपये और 2022-23 में जून तक 1,529 अख़बारों में विज्ञापनों पर 19.25 करोड़ रुपये ख़र्च किए थे.

बॉडी स्प्रे ब्रांड ने अपने विवादास्पद महिला-विरोधी विज्ञापन के लिए माफ़ी मांगी

बॉडी स्प्रे ब्रांड ‘लेयर शॉट’ के एक विज्ञापन को सोशल मीडिया यूज़र्स ने आलोचना करते हुए ‘सामूहिक बलात्कार को बढ़ावा देने’ वाला कहा था. विज्ञापन क्षेत्र के नियामक एएससीआई ने भी इसे उनकी आचार संहिता का गंभीर उल्लंघन बताया था. अब कंपनी ने माफ़ी मांगते हुए कहा कि उनका इरादा किसी भी महिला की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाने या किसी तरह की संस्कृति को बढ़ावा देने का नहीं था.

अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच योगी सरकार ने टीवी विज्ञापनों पर ख़र्चे 160 करोड़ रुपये

एक आरटीआई आवेदन के जवाब में मिली जानकारी के अनुसार इस समयावधि में विज्ञापनों के लिए राष्ट्रीय समाचार चैनलों को 88.68 करोड़ व क्षेत्रीय चैनलों को 71.63 करोड़ रुपये मिले. जिन पांच हिंदी चैनलों को सर्वाधिक राशि मिली, उनमें न्यूज़18 इंडिया, आज तक, इंडिया टीवी, जी न्यूज़ और रिपब्लिक भारत शामिल हैं.

द वायर बुलेटिन: लालकृष्ण आडवाणी ने कहा, राजनीतिक रूप से असहमति जताने वाले लोग राष्ट्र विरोधी नहीं

टिकट पर भाजपा के अनिर्णय के बाद सुमित्रा महाजन द्वारा लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा समेत आज की बड़ी ख़बरें. दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.

मोदी सरकार ने 2017-18 में विज्ञापनों पर ख़र्च किए 1313 करोड़ रुपये

सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने राज्यसभा में बताया कि 2014 से अब तक मोदी सरकार विज्ञापनों पर कुल 4880 करोड़ रुपये की राशि ख़र्च कर चुकी है.

अखबारों के प्रसार संबंधी दावों की जांच करा रही है सरकार: राज्यवर्धन सिंह राठौड़

सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने राज्यसभा में बताया कि अखबारों को इनकी प्रसारण संख्या के दावों की पुष्टि के बाद ही विज्ञापन दिए जाते हैं. उनके प्रसारण दावों की भारतीय समाचार पत्र पंजीयक से जांच कराई है.