विज्ञापन के दावों को प्रमुखता से दिखाया जाना चाहिए, हैशटैग या लिंक के रूप में नहीं: केंद्र

उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने सोशल मीडिया विज्ञापन को ज़िम्मेदारी से संचालित करने के महत्व पर भी जोर देते हुए कहा कि प्रभावशाली और लोकप्रिय हस्तियों को विज्ञापनदाताओं से संबंधित हर उस तथ्य का ख़ुलासा करने की ज़रूरत है, जो उनके प्रतिनिधित्व की विश्वसनीयता को प्रभावित कर सकता है.

कंपनियां प्रतिबंधित पदार्थों के सरोगेट विज्ञापन बंद करें, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी: सरकार

उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि ऐसे देखा गया है कि संगीत सीडी, क्लब सोडा और पैकेज्ड पेयजल की आड़ में कई मादक उत्पादों और पेय पदार्थों का विज्ञापन किया जा रहा है, जबकि चबाने वाले तंबाकू और गुटखे ने सौंफ और इलायची का आवरण ले रखा है. ऐसे कई प्रमुख ब्रांड दिग्गज हस्तियों को अनुबंधित कर रहे हैं, जो अन्य लोगों के साथ प्रभावित होने वाले युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं.

डाबर, उबर, हिंदुस्तान यूनीलिवर आदि भ्रामक विज्ञापन के दोषी पाए गए

दोषी पाए गए मामलों में 82 स्वास्थ्य क्षेत्र की कंपनियां, 75 शिक्षा क्षेत्र की, 11 व्यक्तिगत देखभाल उत्पाद क्षेत्र की, आठ खाद्य एवं पेय पदार्थ तथा 24 मामले अन्य क्षेत्रों की कंपनियां शामिल हैं.