किसानों ने ठान लिया है कि भाजपा को हराना है: जयंत चौधरी

वीडियो: राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) प्रमुख जयंत चौधरी का कहना है कि उत्तर प्रदेश में रोज़गार मांगने पर युवाओं को पीटा गया. दिल्ली की गाज़ीपुर सीमा पर किसानों का अपमान किया गया. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर जयंत चौधरी से द वायर की आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

अरविंद केजरीवाल से मुआवज़े की गुहार लगा रहे हैं दिल्ली के किसान

वीडियो: बीते साल 20 अक्टूबर को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के किसानों से वादा किया था कि उनकी खेती की ज़मीन अगर बर्बाद हो जाती है तो वह उन्हें 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवज़ा देंगे. महीनों बाद भी इस रिपोर्ट के प्रकाशन तक किसानों को मुआवज़ा नहीं मिला है.

राज्यों का सकल घरेलू उत्पाद 2020-21 के दौरान 1.4 से 14.3 प्रतिशत तक घटने का अनुमान: रिपोर्ट

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्नाटक, झारखंड, तमिलनाडु, केरल और ओडिशा राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद पर लॉकडाउन का सबसे गहरा असर दिख सकता है. वहीं, मध्य प्रदेश, पंजाब, बिहार, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में इसका असर सबसे कम रह सकता है.

भारत की अर्थव्यवस्था गंभीर सुस्ती के दौर में, तत्काल नीतिगत कदमों की जरूरत: आईएमएफ

आईएमएफ एशिया और प्रशांत विभाग में भारत के लिए मिशन प्रमुख रानिल सलगादो ने कहा कि भारत के साथ मुख्य मुद्दा अर्थव्यवस्था में सुस्ती का है. इसकी वजह वित्तीय क्षेत्र का संकट है. इसमें सुधार उतना तेज नहीं होगा जितना हमने पहले सोचा था.

भारत के लिए राजकोषीय घाटे को काबू में रखना जरूरी: आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने अपनी नवीनतम विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2019 में 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. इससे पहले विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर छह प्रतिशत कर दिया था. वित्त वर्ष 2018-19 में वृद्धि दर 6.9 फीसदी रही थी.

भारत की आर्थिक विकास दर अनुमान से काफी कमज़ोर: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष

सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश की आर्थिक वृद्धि दर सात साल के न्यूनतम स्तर पर है. अप्रैल से जून तिमाही में यह सात साल के निचले स्तर 5 फीसदी आ गई है, जो बीते साल की इसी अवधि में 8 फीसदी थी.

मोदी सरकार ने एक साल में 615 खातों को दिया लगभग 59 हज़ार करोड़ रुपये का कृषि लोन

विशेष रिपोर्ट: आरटीआई के जरिए यह सामने आया है कि साल 2016 में 615 खातों को औसतन 95 करोड़ से ज़्यादा का कृषि लोन दिया गया है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि सस्ते दर और आसान नियमों के तहत किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी कंपनियों को भारी भरकम लोन दिया जा रहा है.

क्या मोदी सरकार का ‘इंडिया शाइनिंग’ पल आ चुका है?

1999 में एनडीए-1 ने 8% जीडीपी वृद्धि दर के साथ अपनी पारी की शुरुआत की थी, लेकिन बाद के तीन वित्तीय वर्षों के बीच जीडीपी वृद्धि दर में तेज़ गिरावट देखी गई. यही कहानी एनडीए-2 में भी दोहराई जा रही है.