साल 2002 के गुजरात दंगों के दौरान जान बचाने में सफल रहे कुछ पीड़ितों से द वायर ने बात की तो जाना कि आज भी उनके जख़्म भरे नहीं हैं. वे दंगों के बाद बनीं मुस्लिम बस्तियों में अमानवीय परिस्थितियों में जीवनयापन को मजबूर हैं.
गुजरात सरकार द्वारा विधानसभा में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, आत्महत्या करने वालों में 495 छात्र थे. सबसे अधिक आत्महत्या के 3,280 मामले अहमदाबाद शहर में, इसके बाद सूरत शहर में 2,862 और राजकोट शहर में 1,287 मामले दर्ज किए गए. आत्महत्या के प्रमुख कारणों में मानसिक स्वास्थ्य, प्रेम संबंध, गंभीर बीमारी आदि शामिल हैं.
गुजरात विद्यापीठ एक डीम्ड विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना 100 साल पहले महात्मा गांधी ने की थी. आवश्यक शैक्षणिक अनुभव की कमी और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों का सामना करने के कारण यूजीसी के कारण बताओ नोटिस के बाद राजेंद्र खिमानी के पद छोड़ने के लिए मजबूर होने के बाद यह पद ख़ाली हो गया था.
गुजरात के जूनागढ़ का मामला. दलित व्यक्ति के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि जूनागढ़ के एक थाने में तैना सब-इंस्पेक्टर ने हिरासत में हर्षिल जादव के साथ बेरहमी से मारपीट की थी. आरोप है कि पिटाई नहीं करने के बदले में सब-इंस्पेक्टर ने 5 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, 19 महानगरों में से बेंगलुरु शीर्ष पर था, जहां साल 2022 में 8 महिलाएं एसिड हमले की शिकार हुईं. दूसरे स्थान पर दिल्ली था, जहां 7 महिलाएं एसिड हमलों का शिकार हुईं. इसके बाद अहमदाबाद ऐसे 5 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर रहा.
क्रिकेट विश्वकप में घरेलू टीम को मिलने वाले फायदों के बारे में बहुत कुछ कहा गया है- भारतीयों को पूरा समर्थन देने वाले 1,00,000 से अधिक प्रशंसक मनोबल बढ़ाने वाले हो सकते हैं, लेकिन यह एक तरह का दबाव भी है.
अधिकारियों ने बताया कि आत्महत्या के दोनों मामलों में पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया है. बंगाल के बांकुड़ा में आत्महत्या करने वाले युवक की पहचान राहुल लोहार के रूप में हुई है, जबकि ओडिशा में देव रंजन दास ने अपनी जान दे दी. अहमदाबाद में हुए विश्व कप क्रिकेट के फाइनल मुक़ाबले में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 6 विकेट से हराया था.
साल 1983 में भारत को पहला एकदिवसीय विश्व कप क्रिकेट ख़िताब दिलाने वाले पूर्व कप्तान कपिल देव ने यह भी कहा कि यह इतना बड़ा आयोजन है और लोग ज़िम्मेदारियां संभालने में इतने व्यस्त हैं कि कभी-कभी वे भूल जाते हैं. वहीं विपक्षी नेताओं ने कहा कि महिला पहलवानों के विरोध का समर्थन करने के कारण उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया.
रेलवे ने अहमदाबाद के कालूपुर रेलवे स्टेशन के पास स्थित 500 साल से अधिक पुरानी हज़रत कालू शहीद दरगाह को बेदख़ली का नोटिस दिया है. इस नोटिस को दरगाह प्रबंधन ने गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी है. दरगाह प्रबंधन का कहना है कि उसके पास पर्याप्त सबूत हैं कि यह 1947 से पहले की एक मान्यता प्राप्त और अधिकृत संरचना है.
गुजरात के अहमदाबाद ज़िले का मामला. ज़िले के ढोलका का रहने वाला परिवार एक साल पहले बेटी के प्रेम विवाह कर लेने से नाराज़ था. उन्होंने अपनी बेटी से नाता तोड़ लिया था. दोनों परिवार दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. आरोप है कि बेटी के ससुरालवाले मामले का सुलझाने के लिए पीड़ित परिवार पर दबाव बना रहे थे.
1981 में फ्रांसीसी सांस्कृतिक केंद्र 'एलियांस फ़्रांसेज़' की अहमदाबाद में शुरुआत होने पर नरेंद्र मोदी इसके सदस्य बने थे और आठ साल तक इससे जुड़े रहे थे.
घटना अहमदाबाद के चाणक्यपुरी की है, जहां एक फूड जॉइंट पर काम करने वाले दो युवकों का आरोप है कि रविवार को करीब दस लोगों ने उनसे मारपीट की और कहा कि वे 'हिंदु बहुल गुजरात जैसी जगह में मांसाहारी खाद्य पदार्थ और नॉर्थईस्टर्न खाना नहीं बेच सकते.'
अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम को उद्घाटन के समय केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने विश्व के अत्याधुनिक स्टेडियम में से एक बताया था. लेकिन, इस अत्याधुनिकता की पोल बीते दिनों आईपीएल के फाइनल मैच के दौरान खुली, जब बारिश के बाद मैदान को सुखाने के लिए बाल्टी और स्पंज का सहारा लिया गया.
वीडियो: अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम के उद्घाटन के समय केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने इसकी तारीफ़ों के पुल बांधते हुए यहां की 'बेहतरीन' जल-निकासी व्यवस्था का भी ज़िक्र किया था. हालांकि, आईपीएल के फाइनल मैच के दौरान सारी व्यवस्थाओं की पोल खुल गई और निर्माण में भ्रष्टाचार की संभावनाओं को हवा दे गई.
गुजरात के अहमदाबाद ज़िले के ढोलका क़स्बे का मामला. पुलिस ने ठेकेदारों के ख़िलाफ़ ग़ैर-इरादतन हत्या और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण क़ानून के तहत मामला दर्ज किया है.