इसके साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट ने एयर इंडिया को यह निर्देश दिए कि इन विमान चालकों को पुराने भत्ते भी देने होंगे. एयर इंडिया ने आर्थिक स्थिति और कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए पिछले साल 13 अगस्त को 48 पायलटों को बर्ख़ास्त कर दिया था.
एयर इंडिया द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि 11 अगस्त 2011 और 3 फरवरी 2021 के बीच पंजीकृत एयर इंडिया के एक निश्चित संख्या में यात्रियों की निजी जानकारी लीक हुई है, जिसमें उनके नाम, जन्म तिथि, संपर्क सूचना, पासपोर्ट जानकारी, टिकट जानकारी और क्रेडिट कार्ड डेटा शामिल है.
लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने इसकी जानकारी दी. आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 के बीच दिल्ली में कुल 2,394 कंपनियां बंद हुई हैं जबकि उत्तर प्रदेश में यह संख्या 1,936 है.
दिल्ली हाईकोर्ट संविदा पायलटों को निकाले जाने के संदर्भ में दाख़िल दो याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है. एयर इंडिया द्वारा इन पायलटों की सेवा दो अप्रैल से निलंबित कर दी गई थी. बाद में अगस्त माह में इन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था.
कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन के कारण अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद हैं. भारतीय एयरलाइनों को इस साल मई से वंदे भारत मिशन और जुलाई से द्विपक्षीय एयर बबल पैक्ट के तहत विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित करने की अनुमति दी गई है.
मलेशिया के एयर एशिया समूह ने संकेत दिया है कि वह भारत में साझे में चल रही अपनी विमानन सेवा कंपनी से निकल सकता है. एयर एशिया इंडिया में टाटा समूह स्थानीय हिस्सेदार है. छह साल से अधिक समय से चल रही इस कंपनी के लिए कोविड-19 और लॉकडाउन के बाद से कारोबार में चुनौती बढ़ गई है.
विमानन क्षेत्र में परामर्श देने वाली कंपनी सेंटर फॉर एशिया पैसिफिक एविएशन ने कहा कि कोरोना संकट के चलते पूरे विमानन उद्योग को मिलाकर इस वित्त वर्ष में छह से साढ़े छह अरब डॉलर का घाटा हो सकता है.
इन 48 पायलटों ने समय पर वेतन और भत्ते न मिलने के कारण पिछले साल इस्तीफ़ा दे दिया था, लेकिन फिर छह महीने की नोटिस अवधि के भीतर इस्तीफ़ा वापस ले लिया था. एयर इंडिया ने इन्हें बर्ख़ास्त करने के पीछे का कारण कंपनी की आर्थिक स्थिति और कोविड-19 महामारी को बताया है.
वंदे भारत मिशन के तहत दुबई से 190 लोगों को लेकर एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान केरल के कोझिकोड आ रहा था, जब बारिश के बीच लैंडिंग के दौरान हवाईपट्टी पर फिसलने के बाद खाई में जा गिरा.
एयर इंडिया ने कहा है कि जिन कर्मचारियों का कुल मासिक वेतन 25,000 रुपये से ज़्यादा है, उनके भत्तों में 50 फीसदी तक की कमी की जाएगी, हालांकि कंपनी की ओर से ये भी कहा गया है कि अन्य एयरलाइनों की तरह उसके किसी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी.
एयर इंडिया ने इससे पहले अपनी वित्तीय स्थिति का हवाला देकर अपने कर्मचारियों को पांच साल के लिए बिना वेतन अवकाश पर भेजने का फैसला किया है.
एयर इंडिया के बोर्ड ने अपने हालिया आदेश में कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों को अधिकृत किया है कि वे कर्मचारियों के प्रदर्शन समेत विभिन्न मानकों का मूल्यांकन कर उन्हें छह महीने से दो साल तक के अनिवार्य अवैतनिक अवकाश पर भेज सकते हैं. इस अवधि को पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है.
आज सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि क्या किसी चीज़ का कोई तर्क बचा है? क्या यह इसलिए है कि सरकार निश्चिंत है कि उसके फैसलों की तर्कहीनता की हिमाकत पर उसकी जनता मर मिटने को तैयार बैठी है?
यात्रियों को एयरपोर्ट में प्रवेश करने से पहले थर्मल जांच से गुजरना अनिवार्य होगा और उन्हें अपने सामान को सैनिटाइज करना होगा. सरकार ने 25 मई से चरणबद्ध तरीके से देश में विमान सेवाएं शुरू करने की घोषणा की है.
कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के बीच देश में 25 मार्च से सभी व्यावसायिक यात्री उड़ानें निलंबित हैं.