दुनिया की लगभग पूरी आबादी प्रदूषित हवा में सांस ले रही है: डब्ल्यूएचओ

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि दुनिया के 99 फीसदी लोग प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं. इस ख़राब गुणवत्ता की हवा की वजह से हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है. डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के मुताबिक़, पृथ्वी का लगभग हर कोना वायु प्रदूषण से जूझ रहा है, कुछ देशों में यह समस्या बदतर है.

तीन साल में वायु प्रदूषण में कोई सुधार नहीं, ग़ाज़ियाबाद सर्वाधिक प्रदूषित शहर: एनसीएपी

केंद्र के राष्ट्रीय स्वच्छ हवा कार्यक्रम की एक विश्लेषण रिपोर्ट अनुसार, पिछले तीन सालों के दौरान देशभर में उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद की वायु गुणवत्ता ख़राब आबोहवा की श्रेणी में रखे जाने वाले 132 शहरों में सबसे ख़राब रही. वहीं, दिल्ली देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा.

उत्तर भारत में सबसे प्रदूषित शहर है ग़ाज़ियाबाद: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट

उत्तर भारत के 56 शहरों में 137 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर भारत में ग़ाज़ियाबाद सबसे प्रदूषित शहर है और इसका पीएम 2.5 का वार्षिक औसत स्तर दिल्ली से भी ख़राब स्थिति में है. अधिकांश छोटे शहरों में वार्षिक औसत पीएम 2.5 का स्तर काफी कम है, लेकिन शुरुआती सर्दियों के दौरान जब पूरा क्षेत्र स्मॉग की चपेट में आ जाता है, तो छोटे शहरों की रिपोर्ट दिल्ली के बराबर होती है.

मीडिया का एक वर्ग स्कूल बंद करने को लेकर हमें खलनायक के तौर पर पेश कर रहा: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में लगातार बिगड़ रही वायु गुणवत्ता को लेकर स्कूलों को बंद करने के फैसले पर स्पष्टीकरण देते हुए शुक्रवार को कहा कि स्कूलों को बंद करने का फैसला उनका नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार का था. अदालत ने कहा कि जान-बूझकर या अनजाने में एक संदेश भेजा जा रहा है कि अदालत खलनायक है और वह स्कूल बंद करने का आदेश दे रही है.

पाबंदी के बावजूद सेंट्रल विस्टा में जारी निर्माण कार्य, सीपीडब्ल्यूडी को नोटिस

दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति द्वारा सीपीडब्ल्यूडी को दो अलग-अलग नोटिस जारी कर पूछा गया है कि किस आधार पर और किसके आदेशानुसार यह कार्य जारी है. राय ने कहा कि संतोषजनक जवाब न मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

दिल्ली में ख़राब होती वायु गुणवत्ता को नियंत्रित करने के लिए ज़मीनी स्तर पर कुछ नहीं हुआ: कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र तथा दिल्ली सरकार को 24 घंटों के अंदर वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के सुझाव देने का निर्देश देते हुए आगाह किया कि यदि प्राधिकारी प्रदूषण को काबू करने में असफल रहते हैं, तो उसे असाधारण कदम उठाना पड़ेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण पर चिंता जताते हुए कहा- नौकरशाह क्या कर रहे हैं?

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने हैरानी जताई कि नौकरशाह क्या कर रहे हैं. मुख्य सचिव जैसे अधिकारियों को किसानों, विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों के पास जाकर उनसे मुलाकात करनी चाहिए. अदालत ने कहा कि प्रदूषण पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को एक वैज्ञानिक अध्ययन कराना होगा और स्थिति को भांपते हुए एहतियातन कार्रवाई करनी होगी.

नौकरशाही ने निष्क्रियता विकसित की है, हर बात अदालत के भरोसे छोड़ना चाहती है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि नौकरशाही में एक तरह की निष्क्रियता विकसित हो गई है कि वह कोई निर्णय लेना नहीं चाहती. किसी कार को कैसे रोकें, किसी वाहन को कैसे ज़ब्त करें, यह सब काम इस अदालत को करना है. यह रवैया अधिकारी वर्ग ने विकसित किया है.

टेलीविजन पर होने वाली डिबेट दूसरी चीज़ों से कहीं अधिक प्रदूषण फैला रही है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने टीवी बहसों पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि सबका अपना एजेंडा होता है और इन बहस के दौरान दिए गए बयानों का संदर्भ से बाहर इस्तेमाल किया जा रहा है. पीठ ने कहा कि आप (वादकारी) किसी मुद्दे का इस्तेमाल करना चाहते हैं, हमसे टिप्पणी कराना चाहते हैं और फिर उसे विवादास्पद बनाते हैं, इसके बाद सिर्फ़ आरोप-प्रत्यारोप ही होता है.

दिल्ली प्रदूषण: सभी स्कूल-कॉलेज अगले आदेश तक बंद, निर्माण-तोड़फोड़ गतिविधियां रोकने के निर्देश

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने निर्देश दिए हैं कि दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में स्थित 11 ताप विद्युत संयंत्रों में से केवल पांच 30 नवंबर तक चालू रहेंगे. धूल नियंत्रण मानदंडों के सख्त अनुपालन के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा अथवा रक्षा संबंधी गतिविधियों अथवा राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं को छोड़कर निर्माण और तोड़-फोड़ संबंधी सभी गतिविधियों को रोकने का निर्देश भी दिया गया है.

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आपात स्थिति है

दिल्ली-एनसीआर में बढ़े वायु प्रदूषण को 'आपात स्थिति' बताते हुए शीर्ष अदालत ने प्रशासन से कहा कि वाहनों को रोकने या कुछ दिन का लॉकडाउन लगाने जैसे क़दम तत्काल उठाए जाएं. शनिवार सुबह दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में थी और एक्यूआई 473 था. नोएडा व गुड़गांव में एक्यूआई क्रमश: 587 और 557 रहा.

सरकार ने करोड़ों ख़र्च किए, लेकिन पंजाब में पराली जलाने का व्यावहारिक विकल्प खोजने में विफल रही

पिछले चार सालों में केंद्र सरकार ने पराली जलाने की समस्या का समाधान करने के लिए पंजाब को 1,050.68 करोड़ रुपये दिए हैं, लेकिन अभी भी भारी तादाद में खेतों में पराली जलाए जा रहे हैं. पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, सिर्फ़ एक से सात नवंबर के बीच क़रीब 22,000 पराली जलाने के मामले रिपोर्ट किए गए हैं.

दिवाली के बाद दिल्ली की आबोहवा हुई ‘ज़हरीली’, आंखों में जलन की शिकायतें

दिल्ली की वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार रात को गंभीर श्रेणी में पहुंच गई, क्योंकि लोगों ने सरकार के प्रतिबंधों का घोर उल्लंघन करते हुए दिवाली पर जमकर पटाखे जलाए. शुक्रवार सुबह घने कोहरे की मोटी परत छाई रही, जिसके कारण कई हिस्सों में निवासियों को गले में जलन और आंखों में पानी आने की दिक्कतों से जूझना पड़ा.

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में पटाखों पर रोक का हाईकोर्ट का फैसला रद्द किया

सुप्रीम कोर्ट की पीठ कलकत्ता हाईकोर्ट के 29 अक्टूबर के उस फैसले के ख़िलाफ़ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसने पश्चिम बंगाल में सभी तरह के पटाखों की बिक्री, इस्तेमाल और ख़रीद पर प्रतिबंध लगा दिया था.

पटाखों पर रोक किसी समुदाय के ख़िलाफ़ नहीं है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि हम किसी विशेष त्योहार या उत्सव के ख़िलाफ़ नहीं हैं, लेकिन हम उत्सव की आड़ में दूसरों को जीवन के अधिकार के साथ खेलने की अनुमति नहीं दे सकते. हमने पटाखों पर 100 प्रतिशत रोक नहीं लगाई है. हर कोई जानता है कि पटाखों से होने वाले प्रदूषण के कारण दिल्ली के लोगों पर क्या बीत रही है.

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