इस साल धान कटाई सीज़न में पराली जलाने की घटनाओं में 54.2 प्रतिशत की कमी आई: केंद्र

केंद्र सरकार ने संसद को बताया कि पंजाब, हरियाणा, एनसीआर-उत्तर प्रदेश, एनसीआर-राजस्थान और दिल्ली में 15 सितंबर से 29 अक्टूबर की अवधि के दौरान 2022 की पराली जलाने की 13,964 घटनाओं की संख्या से कम होकर 2023 में 6,391 हो गई. 2021 में इन क्षेत्रों में इस अवधि में कुल मिलाकर पराली जलाने की 11,461 घटनाएं हुई थीं.

दिल्ली के धुएं और घुटन में हिस्सेदारी का सवाल

पर्यावरण क्षरण और जलवायु आपदाओं को ग्लोबल कहने से यह राय बनती है कि वे सभी को समान रूप से प्रभावित करती हैं, पर सच्चाई ये है कि जलवायु आपदाओं का सार्वभौमिक चरित्र है कि वे उसके दोषी पक्ष को अक्सर कम तथा निर्दोष सामान्यजन को अधिक प्रभावित करती हैं.

केरल: कोच्चि में 11 दिनों से कचरे की आग से निकल रहा ज़हरीला धुआं, लोगों का प्रदर्शन

कोच्चि के ब्रह्मपुरम में कचरे में ग्यारह दिनों से लगी आग से निकलने वाले ज़हरीले धुएं से लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है. नतीजतन, स्थानीय लोगों ने शहर छोड़कर जाना शुरू कर दिया है. नागरिक प्रशासन की निष्क्रियता के विरोध में विभिन्न तरीकों से अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं.

भारत की 99 प्रतिशत आबादी डब्ल्यूएचओ के मानक से पांच गुना ख़राब हवा में सांस ले रही है: रिपोर्ट

ग्रीनपीस इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में प्रदूषण के सबसे अधिक जोख़िम वाला क्षेत्र दिल्ली-एनसीआर है. आगे कहा गया है कि देश में 62 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में रहती हैं, जबकि पूरी आबादी के लिहाज़ से यह आंकड़ा 56 प्रतिशत का है. सरकार को देश भर में एक मज़बूत वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली पेश करनी चाहिए.

2019 में भारत में प्रदूषण के कारण दुनिया में सर्वाधिक 23.5 लाख से अधिक लोगों की मौत: लांसेट अध्ययन

‘द लांसेट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल’ में प्रकाशित एक नए अध्ययन में साल 2019 में भारत में सभी प्रकार के प्रदूषण के कारण 23.5 लाख से अधिक मौतें समय से पहले हुई हैं, जिसमें वायु प्रदूषण के कारण 16.7 लाख मौतें शामिल हैं. वैश्विक स्तर पर हर साल होने वाली 90 लाख मौतों के लिए सभी प्रकार का प्रदूषण ज़िम्मेदार है.

तीन साल में वायु प्रदूषण में कोई सुधार नहीं, ग़ाज़ियाबाद सर्वाधिक प्रदूषित शहर: एनसीएपी

केंद्र के राष्ट्रीय स्वच्छ हवा कार्यक्रम की एक विश्लेषण रिपोर्ट अनुसार, पिछले तीन सालों के दौरान देशभर में उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद की वायु गुणवत्ता ख़राब आबोहवा की श्रेणी में रखे जाने वाले 132 शहरों में सबसे ख़राब रही. वहीं, दिल्ली देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा.

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आपात स्थिति है

दिल्ली-एनसीआर में बढ़े वायु प्रदूषण को 'आपात स्थिति' बताते हुए शीर्ष अदालत ने प्रशासन से कहा कि वाहनों को रोकने या कुछ दिन का लॉकडाउन लगाने जैसे क़दम तत्काल उठाए जाएं. शनिवार सुबह दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में थी और एक्यूआई 473 था. नोएडा व गुड़गांव में एक्यूआई क्रमश: 587 और 557 रहा.

सरकार ने करोड़ों ख़र्च किए, लेकिन पंजाब में पराली जलाने का व्यावहारिक विकल्प खोजने में विफल रही

पिछले चार सालों में केंद्र सरकार ने पराली जलाने की समस्या का समाधान करने के लिए पंजाब को 1,050.68 करोड़ रुपये दिए हैं, लेकिन अभी भी भारी तादाद में खेतों में पराली जलाए जा रहे हैं. पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, सिर्फ़ एक से सात नवंबर के बीच क़रीब 22,000 पराली जलाने के मामले रिपोर्ट किए गए हैं.

दिवाली के बाद दिल्ली की आबोहवा हुई ‘ज़हरीली’, आंखों में जलन की शिकायतें

दिल्ली की वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार रात को गंभीर श्रेणी में पहुंच गई, क्योंकि लोगों ने सरकार के प्रतिबंधों का घोर उल्लंघन करते हुए दिवाली पर जमकर पटाखे जलाए. शुक्रवार सुबह घने कोहरे की मोटी परत छाई रही, जिसके कारण कई हिस्सों में निवासियों को गले में जलन और आंखों में पानी आने की दिक्कतों से जूझना पड़ा.

पटाखों पर रोक किसी समुदाय के ख़िलाफ़ नहीं है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि हम किसी विशेष त्योहार या उत्सव के ख़िलाफ़ नहीं हैं, लेकिन हम उत्सव की आड़ में दूसरों को जीवन के अधिकार के साथ खेलने की अनुमति नहीं दे सकते. हमने पटाखों पर 100 प्रतिशत रोक नहीं लगाई है. हर कोई जानता है कि पटाखों से होने वाले प्रदूषण के कारण दिल्ली के लोगों पर क्या बीत रही है.

मानव स्वास्थ्य के लिए वायु प्रदूषण सबसे बड़े पर्यावरण ख़तरों में एक है: डब्ल्यूएचओ

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2005 के बाद पहली बार अपने नए वायु गुणवत्ता दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा है कि हर साल वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से 70 लाख लोगों की अकाल मृत्यु होने और लाखों लोगों के स्वास्थ्य के प्रभावित होने का अनुमान है.

उत्तर भारत में बढ़ते वायु प्रदूषण से घट सकते हैं ज़िंदगी के नौ साल: अध्ययन

शिकागो विश्वविद्यालय के वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक की रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि 2019 का प्रदूषण स्तर बना रहता है तो उत्तर भारत के निवासी जीवन प्रत्याशा के नौ साल से अधिक खोने की राह पर हैं क्योंकि यह क्षेत्र दुनिया में वायु प्रदूषण के सबसे चरम स्तर का सामना करता है.

वायु प्रदूषण: दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता बहुत ख़राब श्रेणी में पहुंची

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शनिवार सुबह घना कोहरा छाया रहा. सफ़दरजंग में दृश्यता गिरकर 50 मीटर और पालम में 250 मीटर रह गई थी. वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक सुबह नौ बजे 331 रहा.

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के अब तक उठाए कदमों की जानकारी दे केंद्र: अदालत

सुप्रीम कोर्ट ने बीते छह नवंबर को केंद्र को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग न हो. अब अदालत ने कहा है कि केंद्र राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती इलाकों में प्रदूषण से निपटने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा अब तक उठाए कदमों की जानकारी मुहैया कराए.

दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘अत्यंत ख़राब’ श्रेणी में पहुंची

भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक हवा की गति और धीमी पड़ने का अनुमान है, इसलिए दिल्ली की वायु गुणवत्ता के अगले दो दिन में और ख़राब होने तथा ‘ख़राब’ से ‘अत्यंत ख़राब’ के बीच बनी रहने की आशंका है.

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