किसानों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे और प्रशांत भूषण ने आशीष मिश्रा की ज़मानत रद्द करने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच रिपोर्ट की अनदेखी की और आरोपी को राहत देने के लिए केवल एफ़आईआर पर ग़ौर किया.
सुप्रीम कोर्ट ने पीएम-केयर्स फंड के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने और भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक से इसका ऑडिट कराने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. इलाहाबाद हाईकोर्ट के 31 अगस्त, 2020 के फैसले को चुनौती दी गई थी. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि जनता के पैसे की अकल्पनीय और अथाह राशि कोष के ख़जाने में हर रोज़ बेरोकटोक डाली जाती है.
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह द्वारा साल 2014 लोकसभा चुनावों के चुनावी घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा न करने के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज करने के अनुरोध को खारिज़ करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल का चुनावी घोषणा पत्र, उसकी नीति, विचार, वादे का वक्तव्य होता है, जिसे क़ानून के ज़रिये लागू नहीं कराया जा सकता.
समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर सीट से प्रत्याशी आज़म ख़ान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले में ज़मानत दे दी है, लेकिन दो अन्य लंबित मामलों के चलते उन्हें जेल में ही रहना होगा. फरवरी 2020 से जेल में बंद ख़ान के ख़िलाफ़ कुल 87 आपराधिक मामले लंबित हैं, जिनमें से 81 केस साल 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले या बाद में दर्ज हुए थे.
यूपी के कासगंज ज़िले में एक नाबालिग लड़की की गुमशुदगी के सिलसिले में हिरासत में लिए गए अल्ताफ़ की बीते साल नवंबर में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. पुलिस ने इसे ख़ुदकुशी बताया था जबकि मृतक के परिजनों ने पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने से अल्ताफ़ की मौत होने का आरोप लगाया था. अब कोर्ट ने अल्ताफ़ का शव निकालकर दोबारा पोस्टमार्टम करवाने का निर्देश दिया है.
उत्तर प्रदेश के कासगंज ज़िले में एक नाबालिग लड़की के गुमशुदगी के सिलसिले में हिरासत में लिए गए अल्ताफ़ बीते साल नवंबर में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी. पुलिस ने इसे ख़ुदकुशी बताया था जबकि मृतक के परिजनों ने पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने से अल्ताफ़ की मौत होने का आरोप लगाया था.
समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर से लोकसभा सांसद आज़म ख़ान पिछले दो सालों से जेल में हैं. उन पर दर्ज 87 मामलों में से 84 में उन्हें ज़मानत मिल चुकी है. शेष जिन तीन मामलों वे हिरासत में हैं, उनमें ज़मानती प्रक्रिया ऐसी अंतहीन बाधाओं का शिकार है जहां कभी सुनवाई का आवेदन रहस्यमय ढंग से ग़लत कोर्ट में पहुंच जाता है, तो कभी सुनवाई के रोज़ केस की फाइल ही खो जाती है.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा यह बयान हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज के उस आग्रह के मद्देनज़र काफ़ी महत्वपूर्ण है, जिसमें उन्होंने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को कुछ समय के लिए टालने पर विचार करने को कहा था.
इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के विभिन्न राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए 25 दिसंबर से प्रदेशव्यापी रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू लागू किए जाने के निर्देश दिए हैं. रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू प्रदेश में रात्रि 11 बजे से सुबह पांच बजे तक प्रभावी रहेगा.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में आगरा विश्वविद्यालय से संबद्ध एक निजी कॉलेज के तीन कश्मीरी छात्रों को 24 अक्टूबर को टी-20 क्रिकेट विश्व कप में पाकिस्तान से भारत की हार के बाद जीत का जश्न मनाने के आरोप में जेल में डाल दिया गया था. इन छात्रों के परिवार अभी तक न्याय की गुहार लगा रहे हैं और इंतज़ार कर रहें हैं कि उन्हें आख़िर कब रिहा किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश में आगरा विश्वविद्यालय से संबद्ध एक निजी कॉलेज के तीन छात्रों को 24 अक्टूबर को पाकिस्तान द्वारा टी-20 क्रिकेट विश्व कप में भारत को हराने के चार दिन बाद जेल में डाल दिया गया था. इनकी ज़मानत याचिकाओं पर सुनवाई नहीं होने से इनके परिवार निराश हैं.
डॉ. कफ़ील ख़ान की किताब ‘द गोरखपुर हॉस्पिटल ट्रेजडी: अ डॉक्टर्स मेमॉयर ऑफ अ डेडली मेडिकल क्राइसिस' अगस्त 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों के सच को दफ़न करने की कोशिश को बेपर्दा करती है और व्यवस्था द्वारा उसकी नाकामी को छुपाने की साज़िश को सामने लाती है.
बीते अक्टूबर माह में टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप मैच के दौरान भारत पर पाकिस्तान की जीत के बाद कथित तौर पर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने के लिए देशद्रोह के आरोप में गिरफ़्तार कश्मीर के तीनों छात्रों का कहना है कि आगरा में वकीलों ने अदालत में उनकी पैरवी करने से मना कर दिया है, जिसकी वजह से उन्हें सीधे हाईकोर्ट का रुख़ करना पड़ा है.
जेएनयू छात्र शरजील इमाम को सीएए-एनआरसी के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों में जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कथित भड़काऊ भाषण देने के आरोप में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया था. इससे पहले अक्टूबर में दिल्ली की अदालत ने इमाम को उनके इसी भाषण के लिए ज़मानत देने से इनकार कर दिया था.
भगवान राम और कृष्ण के ख़िलाफ़ अश्लील टिप्पणी करने के आरोपी एक को ज़मानत देते हुए जज जस्टिस शेखर कुमार यादव ने ये बात कही. उन्होंने कहा कि राम इस देश के हर नागरिक के दिल में बसते हैं, वह भारत की आत्मा हैं. बीते सितंबर महीने में एक अन्य मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस यादव ने कहा था कि संसद को गाय को ‘राष्ट्रीय पशु’ घोषित करने वाला क़ानून बनाना चाहिए और गायों को मौलिक अधिकारों के दायरे