‘सेंसर बोर्ड कॉरपोरेट की फिल्म तुरंत पास करता है पर छोटे बजट की फिल्मों पर अंकुश लगाता है’

‘राजनीति की तरह ही फिल्म जगत में भी कुछ परिवारों का कब्ज़ा है. दादाजी फिल्म बनाते थे, उनके बेटे बनाते थे. हम जैसे बाहर से आए हुए लोगों को दिक्कत होती है.’