विधानसभा चुनावों से ठीक पहले कर्नाटक की भाजपा सरकार ने 4 फ़ीसदी मुस्लिम आरक्षण को ख़त्म कर दिया था, जिसके अदालत में चुनौती दी गई. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस संबंध में टिप्पणी की थी. शीर्ष अदालत ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जब मामला विचारधीन हो तो राजनीतिक बयानबाज़ी नहीं होनी चाहिए.
मार्च महीने में मणिपुर हाईकोर्ट ने मेईतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए राज्य सरकार को सिफ़ारिश करने का निर्देश दिया था. यह निर्णय विवाद के कारणों में से एक है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी समुदाय को एससी/एसटी के रूप में नामित करने की शक्ति हाईकोर्ट के पास नहीं, राष्ट्रपति के पास होती है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में आयोजित एक चुनावी जनसभा के दौरान कहा कि भाजपा की हिंसा की राजनीति का परिणाम आज मणिपुर में दिख रहा है. मणिपुर जल रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह कर्नाटक में चुनाव प्रचार कर रहे हैं.
मणिपुर ट्राइबल फोरम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि हिंसा के दौरान उनके द्वारा सूचीबद्ध किए गए प्रत्येक मौत के मामले में एफ़आईआर दर्ज कर मुक़दमा एसआईटी द्वारा चलाया जाए. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कर्नाटक में चुनाव प्रचार में व्यस्त होने के बजाय हिंसा प्रभावित मणिपुर के प्रति अपना कर्तव्य पूरा करने को कहा.
वीडियो: 2014 के बाद गुजरात दंगे के आरोपियों की लगातार रिहाई में एक पैटर्न दिखता है. साल 2022 में इस मामले में नरेंद्र मोदी को भी क्लीन चिट मिली, सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल दंगों के 9 केस में से 8 बंद करने का आदेश दिया. ऐसे में क्या यह कहना उचित है कि गुजरात दंगों के लिए न्याय देने की कोशिश कभी नहीं की गई?
फरवरी महीने में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक में कहा था कि 'राज्य को सिर्फ भाजपा बचा सकती है.' इसकी आलोचना में माकपा सांसद जॉन ब्रिटास ने एक राष्ट्रीय अख़बार में आलेख लिखा था, जिसे लेकर भाजपा की केरल इकाई के महासचिव ने राज्यसभा सचिवालय और सभापति के पास शिकायत दर्ज करवाई थी.
मंगलवार को बेलगावी ज़िले में एक चुनावी जनसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो राज्य का विकास 'रिवर्स गियर' में होगा. वंशवाद की राजनीति चरम पर होगी और कर्नाटक दंगों से पीड़ित होगा. इस बयान को लेकर कांग्रेस में पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है.
पुलवामा हमले और जम्मू कश्मीर की स्थिति को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल उठाने वाले पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की टिप्पणी को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि हमसे अपना रास्ता अलग करने के बाद वह आरोप लगा रहे हैं.
जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा केंद्र और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगाए गए गंभीर आरोपों पर अपना पक्ष रखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि मलिक की अंतरात्मा राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल ख़त्म होने के बाद जागी.
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ की संपादकीय में यह टिप्पणी हाल ही में जम्मू कश्मीर के पुंछ ज़िले में हुए आतंकी हमले में पांच जवानों की मौत को लेकर की है. कहा गया है कि प्रधानमंत्री पाकिस्तान के साथ युद्ध की भाषा बोलते हैं और जब चीन की बात होती है तो उन्हें गौतम बुद्ध की शांति की शिक्षा याद आती है.
नवी मुंबई के खारघर में बीते 16 अप्रैल को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह का आयोजन हुआ था, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी शिरकत की थी. कार्यक्रम के दौरान कई घंटों तक भीषण धूप में बैठे रहने के चलते 13 लोगों की मौत हो गई थी.
गुजरात में अहमदाबाद के नरोदा गाम में 28 फरवरी 2002 को सांप्रदायिक दंगे के दौरान 11 लोगों की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में 86 आरोपी बनाए गए थे, जिनमें गुजरात सरकार की पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी भी शामिल थे. नरोदा गाम में नरसंहार उस साल के नौ बड़े सांप्रदायिक दंगा मामलों में से एक था.
नवी मुंबई के खारघर में बीते रविवार को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह का आयोजन हुआ था, जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मौजूद थे. बताया गया है कि कार्यक्रम के लिए महाराष्ट्र के दूरदराज के इलाकों के अलावा मध्य प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात के लाखों लोगों को लाया गया था, जो छह घंटे से ज़्यादा समय तक सीधे धूप में बैठे रहे.
पत्रकार करण थापर से बात करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उनके एक मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले उठाए थे, जिन पर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बजाय आनन-फानन में उनका तबादला करके मेघालय भेज दिया.
पत्रकार करण थापर से बात करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि पुलवामा हमला केंद्रीय गृह मंत्रालय की अक्षमता और लापरवाही का नतीजा था.