दोस्ताना चुनाव आयोग और मित्र मीडिया के बल पर चुनावी क़ानूनों को अंगूठा दिखाते नरेंद्र मोदी

जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार मतदान समाप्त होने से पहले के 48 घंटे में किसी भी रूप में चुनावी सामग्री के प्रदर्शन पर पाबंदी है, इसमें वोटर को प्रभावित करने वाले टीवी या अन्य किसी माध्यम का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने ठीक ऐसा ही किया है.

प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक कहीं कवरेज की भूख मिटाने का प्रयोजन तो नहीं है

प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक हुई है. इस सवाल को रैली में कितने लोग आए, कितने नहीं आए इसे लेकर ज़्यादा बहस की ज़रूरत नहीं. सुरक्षा इंतज़ामों में पंजाब सरकार की भूमिका हो सकती है लेकिन यह एसपीजी के अधीन होती है. प्रधानमंत्री कहां जाएंगे और उनके बगल में कौन बैठेगा यह सब एसपीजी तय करती है. इसलिए सबसे पहले कार्रवाई केंद्र सरकार की तरफ से होनी चाहिए.

समाचार चैनल ने अफ़ग़ानिस्तान में तालिबानी जश्न बताकर चलाया पाकिस्तान का वीडियो

फैक्ट-चेक: टीवी9 भारतवर्ष चैनल ने असॉल्ट राइफलों के साथ नाचते हुए लोगों की एक वीडियो क्लिप चलाते हुए दावा किया कि ये तालिबानी हैं, जो मैदान वरदक पर क़ब्ज़े के बाद जश्न मना रहे हैं. ऑल्ट न्यूज़ की पड़ताल में सामने आया कि मूल वीडियो पाकिस्तान के ख़ैबर पख्तूनख्वा में हुए एक वैवाहिक समारोह का है.

क्या अक्षय कुमार को दिया प्रधानमंत्री मोदी का इंटरव्यू पेड न्यूज़ नहीं है?

अक्षय कुमार के साथ प्रधानमंत्री मोदी के ग़ैर-राजनीतिक इंटरव्यू की तैयारी ज़ी न्यूज़ की संपादकीय टीम ने कराई. ज़ी की टीम ने शूट और पोस्ट प्रोडक्शन यानी एडिटिंग की. यह सीधा-सीधा पॉलिटिकल प्रोपेगैंडा है. ज़ी न्यूज़ के तैयार कंटेंट को एएनआई से जारी करवाकर सारे चैनलों पर चलवाया गया. क्या इन चैनलों को नहीं बताना था कि यह कटेंट किसका है?