बेंगलुरु में कराची बेकरी के नाम को लेकर बवाल, दुकानदार को ‘कराची’ शब्द ढकना पड़ा

इस बेकरी की शुरुआत साल 1947 में भारत- पाकिस्तान बंटवारे के बाद भारत आए एक सिंधी शख्स खानचंद रामनामी ने की थी. रामनामी कराची से हैदराबाद आए थे इसीलिए उन्होंने बेकरी का नाम कराची बेकरी रख दिया.