डेटा संरक्षण विधेयक जब तक क़ानून का रूप नहीं लेता, नई निजता नीति लागू नहीं करेंगे: वॉट्सऐप

निजी डेटा संरक्षण विधेयक सरकार और निजी कंपनियों द्वारा किसी भी व्यक्ति के डेटा के इस्तेमाल के नियमन से जुड़ा है. इस विधेयक की जांच करने वाली संसद की संयुक्त समिति को रिपोर्ट देने के लिए मानसून सत्र तक का वक़्त​ दिया गया है. वॉट्सऐप ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि निजता नीति (प्राइवेसी पॉलिसी) पर अभी रोक लगा दी गई है तथा संसद के अनुमति देने पर ही इसे लागू किया जाएगा.

सरकार ने वॉट्सऐप को नई निजता नीति वापस लेने का निर्देश दिया

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 18 मई को कंपनी को एक पत्र लिखकर कहा कि सात दिन के भीतर संतोषजनक जवाब न मिलने पर क़ानून के अनुरूप ज़रूरी क़दम उठाए जाएंगे. पत्र में वॉट्सऐप का इस बात की तरफ ध्यान दिलाया कि किस तरह उसकी निजता नीति मौजूदा भारतीय क़ानूनों और नियमों के कई प्रावधानों का उल्लंघन करती है.

वॉट्सऐप ने निजता नीति शर्तों से जुड़ा अपना फैसला वापस लिया

फेसबुक के स्वामित्व वाले सोशल नेटवर्किंग मंच वॉट्सऐप के प्रवक्ता ने हालांकि ये साफ़ नहीं किया कि कंपनी ने किन कारणों से अपने रुख़ में बदलाव किया है. वॉट्सऐप ने जनवरी में अपनी नई निजता नीति को 8 फरवरी से लागू करने की घोषणा की थी, जिसे दुनियाभर में कड़ी आलोचना के बाद 15 मई तक टाल दिया गया था.

सीबीआई ने अवैध रूप से फेसबुक डेटा लेने के लिए कैंब्रिज एनालिटिका के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया

सीबीआई का कहना है कि कैंब्रिज एनालिटिका ने ग्लोबल साइंस रिसर्च लि. के साथ मिलकर ‘दिस इज़ योर डिजिटल लाइफ’ नाम से एक ऐप बनाया था, जिसके ज़रिये ग़ैर क़ानूनी रूप से फेसबुक यूज़र्स का डेटा और उनके 5.62 लाख कॉन्टैक्ट इकट्ठा कर उसका व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया.