साल 2022 में यूएपीए के तहत 1,005 मामले दर्ज हुए: एनसीआरबी डेटा

ग़ैरक़ानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत साल 2022 में सर्वाधिक 371 मामले जम्मू कश्मीर में दर्ज हुए. इसके बाद इसके तहत मणिपुर में 167, असम में 133 और उत्तर प्रदेश में 101 मामले दर्ज हुए.

बंदूक लाइसेंस देने के मामले में उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर देश में सबसे आगे

एक आरटीआई आवेदन के जवाब में मिली जानकारी के अनुसार, देश में सबसे अधिक बंदूक लाइसेंस धारकों वाला राज्य उत्तर प्रदेश है. इसके बाद जम्मू कश्मीर और पंजाब का स्थान है.

यूपी: मंत्री राकेश सचान को शस्त्र अधिनियम मामले में एक साल की सज़ा, ज़मानत भी मिली

शनिवार को कानपुर की एक अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार में लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान को अवैध हथियार रखने के 31 साल पुराने मामले में दोषी ठहराया था. इस दौरान सचान दोषी क़रार दिए जाने के अदालती आदेश की फाइल लेकर वहां से भाग गए थे.

यूपी के मंत्री शस्त्र अधिनियम मामले में दोषी क़रार, अदालत से फ़रार होने का आरोप

अभियोजन अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार में लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान को अदालत ने जब 31 साल पुराने मामले में दोषी ठहराया और बचाव पक्ष को सज़ा पर बहस शुरू करने को कहा, तब सचान वहां से चले गए. इस संबंध में अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट के निर्देश पर कानपुर कोतवाली में मंत्री के ख़िलाफ़ तहरीर दी गई है.

2008 अहमदाबाद बम धमाकेः 38 दोषियों को मृत्युदंड, 11 को उम्रक़ैद

निचली अदालत ने धमाकों में मारे गए लोगों को एक-एक लाख रुपये तथा गंभीर रूप से घायलों में से प्रत्येक को 50-50 हजार रुपये तथा मामूली रूप से घायलों को 25-25 हजार रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया. यह देश में ऐसा पहला मामला है, जब निचली अदालत ने 38 लोगों को मौत की सजा सुनाई है.

2006 मालेगांव धमाका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने चार आरोपियों को ज़मानत दी

हाईकोर्ट ने चार आरोपियों मनोहर नावरिया, राजेंद्र चौधरी, धन सिंह और लोकेश शर्मा को जमानत दी है. तीन साल पहले एनआईए ने लोकेश शर्मा और धन सिंह को 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में बरी किया था.

पूर्व बसपा सांसद के बेटे ने दिल्ली के होटल के बाहर लहराई बंदूक, मामला दर्ज

उत्तर प्रदेश में आंबेडकरनगर के पूर्व बसपा सांसद राकेश पांडेय के बेटे आशीष पांडेय ने दक्षिण दिल्ली स्थित हयात होटल की लॉबी में बंदूक निकालकर एक महिला और उसके पुरुष साथी को धमकाया था. पुलिस ने लुक आउट सर्कुलर जारी किया.

अदालत ने एनआईए की दलील मानी, मालेगांव धमाका हिंदू राष्ट्र बनाने की दिशा में एक क़दम था

विशेष अदालत ने कहा कि वह एनआईए का यह तर्क मानती है कि आरोपियों ने हिंदू राष्ट्र बनाने के उद्देश्य से बम धमाके को अंजाम देने की साज़िश रची थी.