कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने भड़काऊ भाषण से संबंधित 2010 के एक मामले में लेखक अरुंधति रॉय के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की मंज़ूरी देने के दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के क़दम की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि जब भाषण दिए जाते हैं, भले ही अन्य लोग उनसे कितना भी असहमत हों, सरकार को सहिष्णुता और सहनशीलता दिखानी चाहिए.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
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लेखक-कार्यकर्ता अरुंधति रॉय ने न्यूज़क्लिक से जुड़े पत्रकारों पर छापेमारी को लेकर विरोध जताते हुए कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी 2024 में वापस सरकार में आती है तो देश लोकतंत्र नहीं रहेगा.
जो लोग यक़ीन करते हैं कि भारत अब भी एक लोकतंत्र है, उनको बीते कुछ महीनों में मणिपुर से लेकर मुज़फ़्फ़रनगर तक हुई घटनाओं पर नज़र डालनी चाहिए. चेतावनियों का वक़्त ख़त्म हो चुका है और हम अपने अवाम के एक हिस्से से उतने ही ख़ौफ़ज़दा हैं जितना अपने नेताओं से.
जेएनयू के पूर्व छात्र उमर ख़ालिद ने वर्ष 2020 में उत्तर पूर्व दिल्ली में भड़के दंगों से जुड़े एक मामले में जेल में 1,000 दिन पूरे कर लिए हैं. ख़ालिद को दिल्ली पुलिस द्वारा सितंबर 2020 में गिरफ़्तार किया गया था और उन पर यूएपीए और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.
वीडियो: देश के माहौल में बढ़ती सांप्रदायिकता, लोकतंत्र की स्थिति, अडानी समूह पर लगे आरोपों और विपक्ष समेत विभिन्न विषयों पर लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधति रॉय से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
बुकर पुरस्कार विजेता लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधति रॉय ने कहा कि विपक्ष प्रधानमंत्री को रोक सकता है. वाम दल अकेले भाजपा को नहीं हरा सकते हैं. इसका मुक़ाबला करने के लिए कांग्रेस और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू जैसी अन्य पार्टियों को 2024 के लोकसभा चुनाव में एक साथ आना ज़रूरी है.
आजीवन कारावास की सज़ा भुगत रहे मानवाधिकार कार्यकर्ता जीएन साईबाबा की कविताओं और पत्रों का संकलन के विमोचन के अवसर पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी. राजा ने जीएन साईबाबा की तत्काल रिहाई की मांग दोहराई. उन्होंने कहा कि आज की सरकार सोचती है कि कुछ लोगों को ‘अर्बन नक्सल’, ‘देशद्रोही’, ‘आतंकवादी’ क़रार देकर या उन्हें जेल में डालकर वह सफल हो सकती है.
द वायर के लिए करण थापर को दिए साक्षात्कार में अरुंधति रॉय ने कहा कि देश की मौजूदा स्थिति बहुत ही निराशाजनक है लेकिन मुझे भारत के लोगों पर भरोसा है और उम्मीद है कि देश एक दिन इस अंधेरी सुरंग से बाहर निकलेगा.
मोहब्बत की ख़ातिर की जा रही इस लड़ाई में यह ज़रूरी है कि इसे जुझारू तरीके से लड़ा जाए और ख़ूबसूरत तरीके से जीता जाए.
भीमा कोरेगांव मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हेनी बाबू की गिरफ़्तारी के बाद लेखक अरुंधति रॉय ने केंद्र सरकार की आलोचना की हैं, वहीं जेएनयू छात्रसंघ ने कहा कि इस मामले में हुई घटिया जांच का एकमात्र निशाना वे कार्यकर्ता और स्कॉलर हैं जिन्होंने सत्तारूढ़ दल की नीतियों और सांप्रदायिकता पर सवाल उठाए हैं.
दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रॉक्टर द्वारा जारी किए गए एक नोटिस के अनुसार, विरोध प्रदर्शन करने वाले आयोजकों को कार्यक्रम की जानकारी, वक्ताओं की सूची, प्रतिभागियों की अपेक्षित संख्या जैसी अन्य जानकारियां प्रस्तुत करनी होगी.
अरुंधति रॉय ने 25 दिसंबर को दिल्ली यूनिवर्सिटी में एनपीआर को लेकर कहा था कि यह भी एनआरसी का ही हिस्सा है. जब सरकारी मुलाज़िम एनपीआर के लिए जानकारी मांगने आपके घर आएं तो उन्हें अपना नाम रंगा-बिल्ला बता दें और अपने घर का पता देने के बजाय प्रधानमंत्री आवास का पता लिखवा दें.
देशभर में 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इन प्रदर्शनों को रोकने के लिए दिल्ली सहित कई शहरों में धारा 144 लागू करने के साथ इंटरनेट सेवाओं पर भी पाबंदी लगाई गई है.