द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
केरल सरकार का समर्थन करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला, डीएमके तथा अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी प्रदर्शन में शामिल हुए थे.
बीबीसी के दिल्ली और मुंबई के दफ़्तरों में आयकर विभाग की कार्रवाई के बाद विपक्ष ने कहा कि बीते दिनों गुजरात दंगों में नरेंद्र मोदी की भूमिका संबंधी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर केंद्र सरकार प्रतिशोधात्मक कार्रवाई कर रही है. कांग्रेस ने कहा कि इस कार्रवाई से सरकार की हताशा दिखाई दे रही है.
ग्राउंड रिपोर्ट: दिल्ली की केजरीवाल सरकार का दावा है कि पिछले साल फरवरी महीने में हुए सांप्रदायिक दंगे के पीड़ितों को उचित मुआवज़ा दिया है, हालांकि कई घायलों का कहना कि उन्हें गंभीर चोटें लगने के बावजूद कम मुआवज़ा दिया गया है.
ग्राउंड रिपोर्ट: उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में प्रभावित मौजपुर, अशोक नगर जैसे इलाकों के 55 पीड़ित दुकानदारों ने क्षतिपूर्ति के लिए कुल 3.71 करोड़ रुपये का दावा किया था, लेकिन दिल्ली सरकार ने इसमें से 36.82 लाख रुपये का ही भुगतान किया है. ये दावा की गई कुल राशि का 9.91 फीसदी ही है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और दिल्ली इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में केवल आठ विधायक हैं, जिनके ख़िलाफ़ कोई केस दर्ज नहीं है और उन्होंने उन प्रत्याशियों को हराया, जिनके ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
दिल्ली के रामलीला मैदान में हुए समारोह में अरविंद केजरीवाल ने लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की ज़िम्मेदारी संभाली. उनके साथ कैबिनेट के छह मंत्रियों ने भी शपथ ली है.
देश के चुनावी इतिहास में किसी क्षेत्रीय दल के लगातार दो बार पचास फ़ीसदी से अधिक मत प्रतिशत के साथ सत्ता में वापसी का उदाहरण नहीं है. जहां 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 67 सीटें और 54.3 प्रतिशत वोट मिले थे, वहीं इस बार पार्टी ने 53.54 मत प्रतिशत के साथ 62 सीटें जीती है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की बुरी हार के बाद पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा पर निशाना साधने के साथ ही आम आदमी पार्टी की जमकर तारीफ़ की थी. चिदंबरम ने कहा था कि आप की जीत बेवक़ूफ़ बनाने तथा फेंकने वालों की हार है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव के मंगलवार को आए परिणामों के मुताबिक भाजपा के दो निवर्तमान विधायकों सहित कुल 44 निवर्तमान विधायक अपनी सीटें बचाने में कामयाब रहे.
पुलिस ने बताया कि नवनिर्वाचित विधायक नरेश यादव और उनके समर्थक विधायक के निर्वाचन क्षेत्र महरौली में एक मंदिर में पूजा-अर्चना कर लौट रहे थे. सूत्रों के अनुसार महरौली के विधायक के काफिले पर सात गोलियां चलाई गईं.
दिल्ली की जनता ने उन नेताओं तथा उम्मीदवारों को खारिज कर दिया जिन्होंने इस चुनाव के दौरान अथवा इससे पहले विवादित बयान दिए थे.
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की वापसी के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि पार्टी जनादेश का सम्मान करती है और इस बात की समीक्षा की जाएगी कि वह अपनी उम्मीदों को हासिल करने में क्यों विफल रही.
2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में 67 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी को इस बार 62 सीटें हासिल हुई हैं. वहीं, भाजपा को इस बार आठ सीटें मिली हैं. पिछले चुनाव में शून्य पर रही कांग्रेस इस बार भी खाता नहीं खोल सकी और उसके 63 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई.
पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि आप की जीत बेवक़ूफ़ बनाने तथा फेंकने वालों की हार है. दिल्ली के लोगों ने भाजपा के ध्रुवीकरण, विभाजनकारी और ख़तरनाक एजेंडे को हराया है.