कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा सबक यह है कि उसका पुनर्जीवन राहुल के करिश्मे की प्रतीक्षा में नहीं, नीतियों के पुनर्निर्धारण व अमल में है, जबकि भाजपा के लिए यह कि नीतिविहीनता के उसके वर्तमान हालात में नरेंद्र मोदी का खत्म होने को आ रहा करिश्मा कभी भी उसके सपनों के महल की सारी ईंटें भरभराकर गिरा देगा.
पत्रकारिता से राजनीति में आए आशुतोष और आशीष खेतान का आम आदमी पार्टी में घटता कद और शीर्ष नेतृत्व से उनके संबंधों की स्थिति मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ट्विटर टाइमलाइन पर झलकती है.
पूर्व पत्रकार आशीष खेतान ने निजी कारणों से सक्रिय राजनीति से दूर होने की बात कही है. हालांकि आगामी आम चुनाव के लिए दिल्ली की पांच सीटों के लिए चयनित प्रभारियों में नाम नहीं शामिल किए जाने को भी नाराज़गी की वजह बताया जा रहा है.
सोहराबुद्दीन-कौसर बी. और तुलसीराम प्रजापति एनकाउंटर मामले की जांच से अप्रैल 2014 में हटा दिया गए नगालैंड कैडर के आईपीएस अधिकारी संदीप तामगाडे के ख़िलाफ़ जांच बैठा दी गई है.