द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
घटना राजधानी बेंगलुरु से 80 किमी दूर चिक्कबल्लापुर ज़िले के केम्पडेनहल्ली गांव की है. जहां कथित उच्च जातियों से आने वाले दस लोगों ने जेवर चुराने के संदेह में चौदह साल के एक दलित किशोर को खंबे से बांधकर बुरी तरह पीटा. पुलिस के अनुसार, घायल किशोर का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
घटना कोलार ज़िले के मलूर तालुक के एक गांव में इस महीने की शुरुआत में घटी थी, जब गांव में निकाले जा रहे ग्राम देवता के जुलूस में 15 साल के लड़के के मूर्ति के स्पर्श के बाद उसके परिवार से साठ हज़ार रुपये का जुर्माना देने को कहा गया. ऐसा न करने पर उन्हें गांव से बाहर निकालने की धमकी दी गई.
कर्नाटक में एक अस्पृश्यता विरोधी 'विनय समरस्य' योजना को दलित समुदाय से आने तीन साल के विनय के नाम पर शुरू करने का ऐलान किया है. यह बच्चा सितंबर 2021 में कोप्पल ज़िले के एक गांव में बारिश से बचने के लिए मंदिर में चला गया था, जिसके बाद ग्रामीणों ने उसके परिवार पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया था.
राजस्थान के चुरू ज़िले की घटना. पुलिस ने बताया कि पीड़ित ने आरोप लगाया कि जाट समुदाय के आठ लोगों ने बीते 26 जनवरी की रात 11 बजे उन्हें घर से अगवा कर लिया था और नज़दीक के खेत में जान से मारने की मंशा से ले गए थे. इस संबंध में दो आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया है.
धरना देने वाली भाकपा की विधायक गीता गोपी ने कहा कि अनुसूचित जाति की एक महिला के विधायक बनने के बाद ये लोग जाति के आधार पर मेरा अपमान कर रहे हैं. इसके साथ ही यह केरल का भी अपमान है, जिसे अक्सर पूरी तरह से शिक्षित राज्य कहा जाता है.
गुजरात के राजकोट ज़िले का मामला. साल 2018 में दलित आरटीआई कार्यकर्ता नानजीभाई सोंडर्वा की हत्या कर दी गई थी. हत्या का एक आरोपी अदालत के रोक लगाने के बाद भी कथित तौर पर राजकोट ज़िले में नज़र आया था. आरटीआई कार्यकर्ता के बेटे ने अदालत में इसकी शिकायत की थी.
यह मामला गुजरात के बनासकांठा का है. एक मोबाइल फोन को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद दलित युवक को पेड़ से बांधकर उसके साथ मारपीट की गई.
दलित मुद्दों पर फिल्म बनाने में आने वाली चुनौतियों पर स्वतंत्र फिल्मकार पवन के श्रीवास्तव से बात कर रहे हैं द वायर के फैयाज़ अहमद वजीह.