मैंने आज़ादी के बाद जैसा हिंदुस्तान देखा था, उसी हिंदुस्तान में मरना चाहता हूं: मुनव्वर राना

जन्मदिन विशेष: इस सियासी उथल-पुथल में एक बुजुर्ग की हैसियत से मुझे ख़ौफ़ लगता है कि कहीं हिंदुस्तान में ज़बान, तहज़ीब और मज़हब के आधार पर कई हिंदुस्तान बन जाएं. यह बहुत अफ़सोसनाक होगा.