सामाजिक आर्थिक और जातिगत जनगणना वेबसाइट दो महीने से अधिक समय से बंद: रिपोर्ट

देश की सामाजिक आर्थिक और जातिगत जनगणना की वेबसाइट के दो महीने से बंद होने को लेकर इसके संचालन के लिए ज़िम्मेदार ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 'तकनीकी' कारणों का हवाला दिया है.

केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का नाम ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ रखा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लागू करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है और इस साल 31 दिसंबर तक नए नाम के साथ आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) की तस्वीरें मांगी हैं. इन तस्वीरों को एबी-एचडब्ल्यूसी पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया है. ‘आयुष्मान भारत मंदिर’ के साथ ‘आरोग्यम परमं धनम्’ नाम से टैगलाइन भी दी गई है.

पीएम जन आरोग्य योजना के तहत ‘मृत’ मरीज़ों के इलाज के लिए 6.9 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ: कैग

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के ऑडिट में अनियमितताओं को चिह्नित किया है. रिपोर्ट के अनुसार, इसके तहत 3,446 मरीज़ों के इलाज के लिए 6.97 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जिन्हें डेटाबेस में पहले ही मृत घोषित कर दिया गया था.

आयुष्मान भारत योजना के तहत केवल दो-तिहाई अस्पताल ही सक्रिय: रिपोर्ट

एक रिपोर्ट के अनुसार, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सूचीबद्ध 27,000 अस्पतालों में से केवल 18,783 सक्रिय हैं. इस योजना का लक्ष्य 12 करोड़ से अधिक ग़रीब और कमज़ोर परिवारों को सेकेंड और थर्ड केयर अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये प्रति वर्ष का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करना है.

लॉकडाउन के दौरान आयुष्मान भारत के लाभार्थियों की संख्या में हुई 51 प्रतिशत के क़रीब गिरावट

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का आधिकारिक डेटा बताता है कि 25 मार्च से दो जून की लॉकडाउन की अवधि के दौरान इससे पहले के 12 हफ्तों की तुलना में योजना के तहत सर्जिकल प्रकियाओं और अन्य मेडिकल देखरेख के मामलों में बड़ी गिरावट देखी गई.

लॉकडाउन के बीच आयुष्मान भारत के तहत भर्ती होने वाले मरीज़ों की संख्या में गिरावट

कोविड-19 संक्रमण के बीच गरीबी रेखा से नीचे वाले गंभीर रोगों के मरीज़ों के लिए शुरू की गई आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना बुरी तरह प्रभावित है. आंकड़े बताते हैं कि बीते तीन महीनों में देश भर के सरकारी व निजी अस्पतालों में योजना के तहत भर्ती होने वाले मरीज़ों की संख्या में 20 प्रतिशत की कमी आई है.

आयुष्मान भारत फ़र्ज़ीवाड़ा: फ़र्ज़ी कार्ड निरस्त, 171 अस्पतालों को पैनल से बाहर कर लगाया गया जुर्माना

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी ‘आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के तहत लाखों फ़र्ज़ी गोल्डन कार्ड बनाए गए. अधिकतर मामले गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और पंजाब के अस्पतालों में हुए. अकेले गुजरात सरकार ने 15 हज़ार फ़र्ज़ी कार्ड रद्द किए, पर अब भी पांच हज़ार कार्ड फ़र्ज़ी होने की आशंका है.

आयुष्मान भारत-जन आरोग्य योजना के तहत दो लाख से ज़्यादा फ़र्ज़ी गोल्डन कार्ड बनाए गए

नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने आयुष्मान भारत योजना में इस फ़र्ज़ीवाड़े का खुलासा किया है. उत्तर प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़, गुजरात, पंजाब आदि राज्यों में योजना का दुरुपयोग करने के मामले सामने आए हैं.

आयुष्मान भारत योजना एक जुमला, दिल्ली पर जबरन थोपा जा रहा है: आप

आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह एक ऐसी विचित्र योजना है जो लोगों के उपचार के लिए तभी भुगतान करती है जब आप उनके कुछ निर्धारित मानदंडों को पूरा करते हैं, जबकि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सभी को मुफ्त इलाज मिलता है.

योगी सरकार ने पेश किया बजट, गो कल्याण के लिए करीब 500 करोड़ रुपये आवंटित

उत्तर प्रदेश सरकार ने साल 2019-2020 के बजट में गोशालाओं के रखरखाव के लिए 247.60 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. शराब की बिक्री पर लगे विशेष शुल्क से मिले करीब 165 करोड़ रुपये निराश्रित एवं बेसहारा गोवंशीय पशुओं के भरण-पोषण के लिए इस्तेमाल होंगे.

मीडिया को अपने बयानों से ‘मसाला’ न दें, इससे पार्टी की छवि ख़राब होती है: मोदी

प्रधानमंत्री ने भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा कि हम कैमरा देखते ही बयान देने लग जाते हैं. मीडिया जो हिस्सा उपयोगी समझता है, उसका इस्तेमाल करता है. यह उसकी ग़लती नहीं है. हमें ख़ुद को रोकना होगा.