5 अगस्त 2020 को भारतीय लोकतंत्र के लिए एक त्रासदी के तौर पर याद किया जाएगा

जिस जगह पर 500 से अधिक सालों तक एक मस्जिद थी, वहां भव्य मंदिर बनेगा. इस मंदिर की आलीशान इमारत की परछाई में मुझे वो भारत डूबता दिख रहा है, जहां मैं पला-बढ़ा. फिर भी मेरा विश्वास है कि यह देश अपने मौजूदा शासकों के नफ़रत से कहीं अधिक बड़ा है.

‘मंदिरों के निर्माण से विकास हुआ करता, तो अयोध्या में कब का ‘रामराज्य’ आ चुका होता’

बीते पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए हुए भूमि पूजन समारोह और शहर के विकास के दावों के बीच अयोध्यावासी सिर्फ वैसा नहीं सोच रहे हैं, जैसा अधिकतर मीडिया माध्यमों द्वारा बताया जा रहा है.

राम मंदिर भूमि पूजन: नरेंद्र मोदी बोले- सदियों का इंतज़ार आज पूरा हुआ

अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा. टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से राम जन्मभूमि आज मुक्त हो गई.

कर्नाटक: स्कूल में बाबरी विध्वंस के नाट्य रूपांतरण पर संघ नेता सहित पांच लोगों पर मामला दर्ज

मामला दक्षिण कन्नड़ ज़िले का है, जहां आरएसएस नेता द्वारा संचालित एक स्कूल के वार्षिक कार्यक्रम में बच्चों ने बाबरी विध्वंस का नाट्य रूपांतरण प्रस्तुत किया था. पुदुचेरी की उपराज्यपाल किरन बेदी भी इस कार्यक्रम का हिस्सा थीं, जिसके लिए माकपा ने उनके इस्तीफ़े की मांग की है.

हम भी भारत: एक थी बाबरी मस्जिद

वीडियो: 6 दिसंबर 2019 को बाबरी मस्जिद विध्वंस के 27 साल पूरे हो गए. हम भी भारत की इस कड़ी में द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की इस बारे में सामजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर और वरिष्ठ पत्रकार कुर्बान अली से बातचीत कर रही हैं.

बाबरी मस्जिद विध्वंस: साहित्य में दर्ज हुए कुछ अनकहे-अनसुने बयान

6 दिसंबर 1992 को सिर्फ एक मस्जिद नहीं गिरायी गई थी, उस दिन संविधान की बुनियाद पर खड़ी लोकतंत्र की इमारत पर भी चोट की गई थी. अतीत में जो कुछ हुआ उसे फिर से उलट-पलट कर देखने का मौका साहित्‍य देता है. हिंदी साहित्‍य में यह घटना भी कई रूपों में दर्ज है.

अयोध्या के फ़ैसले पर दोबारा विचार करे अदालत

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में विवादित ज़मीन पर मुस्लिम पक्ष का दावा ख़ारिज करते हुए हिंदू पक्ष को ज़मीन देने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से हिंदुस्तान की राजनीति और समाज में क्या बदलाव आएगा, इस पर चर्चा कर रहे हैं दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद.

अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला विचित्र तर्क पर आधारित है

यह सोचना मूर्खतापूर्ण है कि अयोध्या पर आया फ़ैसला सांप्रदायिक सद्भाव लाएगा. 1938 के म्यूनिख समझौते की तरह तुष्टीकरण सिर्फ आक्रांताओं की भूख को और बढ़ाने का काम करता है.

…जब प्रधानमंत्री नेहरू के बार-बार कहने के बाद भी बाबरी मस्जिद में रखी मूर्तियां नहीं हटाई गईं

पुस्तक अंश: अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद में वर्ष 1949 में मूर्ति रखने के बाद की घटनाएं यह प्रमाणित करती हैं कि कम-से-कम फ़ैज़ाबाद के तत्कालीन ज़िलाधीश केकेके नायर तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत यदि मूर्ति स्थापित करने के षड्यंत्र में शामिल न भी रहे हों, तब भी मूर्ति को हटाने में उनकी दिलचस्पी नहीं थी.

1948 में जब समाजवादी नेता को हराने के लिए फ़ैज़ाबाद कांग्रेस ने राम जन्मभूमि का कार्ड खेला था

पुस्तक अंश: फ़ैज़ाबाद में 1948 में हुए उपचुनाव में समाजवादी नेता आचार्य नरेंद्र देव मैदान में थे. कांग्रेस ने उनके ख़िलाफ़ देवरिया के बाबा राघव दास को अपना प्रत्याशी बनाया. चुनाव प्रचार में कांग्रेस ने कहा था कि आचार्य नरेंद्र की विद्वत्ता का लोहा भले दुनिया मानती है, लेकिन वे नास्तिक हैं. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी अयोध्या ऐसे व्यक्ति को कैसे स्वीकार कर पाएगी?

अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के भारत के भविष्य के लिए क्या मायने हैं?

शनिवार को शीर्ष अदालत ने उन लोगों के पक्ष में फ़ैसला दिया, जो सीधे तौर पर बाबरी मस्जिद गिराने के मुख्य आरोपियों से जुड़े हुए हैं. और यह देश के लिए ठीक नहीं है.

‘इतनी निष्पक्ष है सशक्त सत्ता कि निष्पक्षता भी रख ले दो मिनट का मौन’

आज जब यह सच्चाई और कड़वी होकर हमारे सामने है कि उस दिन बाबरी मस्जिद को शहीद करने वालों ने न सिर्फ अयोध्या बल्कि शेष देश में भी बहुत कुछ ध्वस्त किया था, यह देखना संतोषप्रद है कि देश के कवियों ने इस सच्चाई को समय रहते पहचाना और उसे बयां करने में कोई कोताही नहीं बरती.

उत्तर प्रदेश: अयोध्या में कड़ी सुरक्षा, सभी ज़िलों में बनाई गई अस्थायी जेल, स्कूल बंद

राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद ज़मीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनज़र अयोध्या छावनी में तब्दील. अयोध्या के आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पूरे उत्तर प्रदेश में सुरक्षा कड़ी की गई. धारा 144 लागू. 21 ज़िलों को संवेदनशील घोषित किया गया.

विहिप ने अयोध्या को रणक्षेत्र बनाया तो ‘हिंदू’ हुई हिंदी पत्रकारिता

मुख्यधारा की पत्रकारिता तो शुरुआती दिनों से ही राम जन्मभूमि आंदोलन का अपने व्यावसायिक हितों के लिए इस्तेमाल करती और ख़ुद भी इस्तेमाल होती रही. 1990-92 में इनकी परस्पर निर्भरता इतनी बढ़ गई कि लोग हिन्दी पत्रकारिता को हिंदू पत्रकारिता कहने लगे.

25 साल बाद आतंकी होने के आरोप से मुस्लिम समुदाय के 11 लोग बरी

इन 11 लोगों को बाबरी मस्जिद गिराए जाने का बदला लेने की साज़िश रचने और आतंकी प्रशिक्षण हासिल करने के लिए वर्ष 1994 में टाडा कानून के तहत गिरफ़्तार किया गया था.