सरकारी बैंक कर्मचारियों का हड़ताल दूसरे दिन भी जारी, देशभर में सेवाएं प्रभावित

बैंक कर्मचारी चालू वित्त वर्ष में दो और सरकारी बैंकों का निजीकरण करने के सरकार के फैसले के ख़िलाफ़ हड़ताल कर रहे हैं. हालांकि निजी क्षेत्र के बैंकों ख़ासकर एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और कोटक महिंद्रा आदि बैंकों में कामकाज सामान्य दिनों की तरह जारी रहा.

बैंकों को 13 कंपनियों के बैड लोन से 2.85 लाख करोड़ रुपये का नुकसान: यूनियन

बैंकों के संघ यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने बैंकिंग क़ानून (संशोधन) विधेयक 2021 के विरोध में और सरकारी बैंकों के निजीकरण के केंद्र सरकार के कथित क़दम का विरोध करते हुए 16 और 17 दिसंबर को पूरे देश में बैंकों की दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है. 

सरकारी बैंकों के निजीकरण के ख़िलाफ़ बैंक अधिकारियों की यूनियन ने देशव्यापी आंदोलन शुरू किया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने के लिए विनिवेश अभियान के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी. अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ ने सरकार से बैंकिंग क़ानून (संशोधन) विधेयक, 2021 को वापस लेने की अपील की, जो संसद के शीतकालीन सत्र में पेश और पारित करने के लिए सूचीबद्ध है.

निजीकरण के ख़िलाफ़ बैंक यूनियनों ने 15 और 16 मार्च दो दिन की हड़ताल की घोषणा की

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने पेश आम बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव रखा है. उन्होंने कहा था कि वर्ष 2021-22 में आईडीबीआई बैंक के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंक और एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी का निजीकरण करने का प्रस्ताव है.

बैंक अधिकारियों के संगठनों ने निजी बैंकों को सरकारी कामकाज करने की अनुमति देने का विरोध किया

केंद्र ने निजी क्षेत्र के बैंकों को कर संग्रह, पेंशन भुगतान और लघु बचत योजनाओं समेत सरकारी कारोबार में शामिल होने की अनुमति दे दी है. बैंक अधिकारियों के संगठनों ने दावा किया कि निजी बैंकों को सरकारी कामकाज की अनुमति देने से ऐसे बैंकों के अधिकारियों और कर्मचारियों की जवाबदेही नहीं होगी.