राज्य में इस साल 19 अगस्त तक रासुका के तहत गिरफ़्तार 139 में से 76 लोगों पर गोहत्या के आरोप हैं. हाईकोर्ट ने गोहत्या के मामलों में पुलिस द्वारा पेश साक्ष्यों की विश्वनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब भी कोई मांस बरामद होता है, तो फॉरेंसिक जांच कराए बिना ही उसे गोमांस क़रार दे दिया जाता है.
झारखंड के सिमडेगा ज़िले भेड़ीकुदर गांव में 16 सिंतबर को सात आदिवासी ईसाइयों के साथ गोहत्या के आरोप में कथित रूप से मारपीट की गई थी. पीड़ितों से आरोप लगाया है कि उनसे जबरन ‘जय श्रीराम’ के नारे लगवाए गए. हालांकि पुलिस ने इन आरोपों को ख़ारिज कर दिया.
अप्रैल 2019 में बिश्वनाथ ज़िले के 48 वर्षीय शौक़त अली को भीड़ ने उनकी दुकान पर पका हुआ गोमांस बेचने के आरोप में पीटा था और सुअर का मांस खिलाया था. एनएचआरसी ने असम सरकार को अली के मानवाधिकार उल्लंघन के लिए एक लाख रुपये मुआवज़ा देने का आदेश दिया है.
मामला गुड़गांव का है, जहां मीट की सप्लाई करने वाले मेवात के एक युवक को गोमांस ले जाने के संदेह में आठ-दस युवकों ने बुरी तरह से पीटा. घटना के वायरल वीडियो में पुलिस भी घटनास्थल पर मौजूद दिख रही है.
घर में गोमांस रखने के आरोप में दादरी के बिसाहड़ा गांव में सिंतबर, 2015 में मोहम्मद अख़लाक़ की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले के सभी 18 आरोपी जमानत पर हैं. इनमें से एक हरिओम लूटपाट और गाजियाबाद में चुरायी हुई संपत्ति बेईमानी से हासिल करने के कम से कम चार मामलों में वांछित था.
छात्रा का कहना है कि उन्होंने यह पोस्ट जून 2017 में लिखी थी और उसे तुरंत डिलीट भी कर दिया था. इस संबंध में असम पुलिस ने मामला दर्ज किया है.
महाराष्ट्र के अकोला की एक विशेष अदालत ने तीन लोगों को आतंकवाद के आरोपों से बरी करते हुए कहा कि केवल 'जिहाद' शब्द का इस्तेमाल करने पर किसी को आतंकवादी नहीं कहा जा सकता.
यह घटना गुड़गांव के सदर बाजार की है.
मध्य प्रदेश के सिवनी में गोमांस के शक़ में कथित गोरक्षकों ने एक मुस्लिम युवती सहित तीन लोगों की बेरहमी से पिटाई की.
असम के बिश्वनाथ जिले में पिछले सप्ताह एक मुस्लिम शख्स के साथ मारपीट की गई थी और उसे जबरन सुअर का मांस खिलाया गया था.
असम में कथित तौर पर गोमांस बेचने के शक़ में भीड़ द्वारा एक मुस्लिम बुजुर्ग के साथ मारपीट किए जाने की घटना पर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मोहम्मद अख़लाक़ को मार दिए जाने के करीब चार साल बाद दादरी के बिसाहड़ा गांव में कोई पछतावा नहीं दिखता. यहां के मुसलमानों ने ख़ुद को क़िस्मत के हवाले कर दिया है.
सोशल मीडिया पर सामने आए इस घटना के वीडियो में पीड़ित को कीचड़ में घुटनों के बल बैठे देखा जा सकता है और भीड़ पीड़ित से पूछती दिख रही है कि क्या उसके पास गोमांस बेचने का लाइसेंस है?
रैली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कौन नहीं जानता बिसहड़ा में क्या हुआ? सबको पता है. कितने शर्म की बात है कि समाजवादी सरकार ने तब भावनाओं को दबाने की कोशिश की और मैं कह सकता हूं कि हमारी सरकार बनते ही हमने अवैध बूचड़खानों को बंद कराया.
अलवर ज़िले के गोविंदगढ़ थानाक्षेत्र में बीती 30 जुलाई को पुलिस ने तीन महिलाओं को 40 किग्रा कथित गोमांस के साथ गिरफ़्तार किया था. पुलिस ने इस संबंध में राजस्थान गोवंश पशु अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है.