भगत सिंह चाहते थे कि जो क्रांतिकारी शहीद नहीं हुए, वे अपने जीवन को मिसाल बनाएं

नवंबर, 1930 में भगत सिंह ने मुल्तान जेल में बंद अपने साथी बटुकेश्वर दत्त को लिखा था कि क्रांतिकारी अपने आदर्शों के लिए मर ही नहीं सकते, बल्कि जीवित रहकर हर मुसीबत का मुक़ाबला भी कर सकते हैं.

संसद सुरक्षा चूक: आरोपी बोले- बिजली के झटके दिए गए, एक दल का नाम लेने के लिए मजबूर किया गया

दिसंबर 2023 को दो व्यक्ति लोकसभा की दर्शक दीर्घा से हॉल में कूदने के बाद धुएं के कनस्तर खोल दिए थे. इस मामले में गिरफ़्तार पांच बेरोज़गार युवाओं ने आरोप लगाया था कि उन्हें विपक्षी राजनीतिक दलों से ग़लत तरीके से जोड़ने के लिए न्यायिक हिरासत में बिजली के झटके और यातनाएं दी गईं. यूएपीए के तहत अपराध क़बूल करने के लिए मजबूर किया गया.

संसद सुरक्षा चूक: आरोपी के पिता बोले- बेरोज़गारी को लेकर आवाज़ उठाना देशद्रोह नहीं

संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोपियों में से एक ललित झा के पिता ने कहा है कि उनके बेटे का तरीका ग़लत हो सकता है, लेकिन उसने देश में बेरोज़गारी को लेकर जो मुद्दा उठाया है वह सही है. इस बीच दिल्ली पुलिस ने इस मामले के छठे आरोपी महेश कुमावत को भी गिरफ़्तार कर लिया है.

संसद सुरक्षा चूक: पुलिस का दावा- आरोपी फेसबुक पर मिले, जनवरी में योजना बनाकर संसद की रेकी की थी

बीते बुधवार को दो व्यक्ति लोकसभा की दर्शक दीर्घा से हॉल में कूद गए और धुएं के कनस्तर खोल दिए थे. इस सुरक्षा चूक के बाद इन लोगों के अलावा तीन अन्य को गिरफ़्तार किया गया है, जबकि एक व्यक्ति की तलाश जारी है. सूत्रों के अनुसार, आरोपी मणिपुर हिंसा, किसान आंदोलन, महंगाई और बेरोज़गारी के संबंध में एक संदेश देना चाहते थे.

रणदीप हुडा ने सावरकर को सुभाषचंद्र बोस का प्रेरणास्रोत बताया, नेताजी के परिवार ने आपत्ति जताई

बीते 28 मई को अभिनेता रणदीप हुडा ने वीडी सावरकर के जीवन पर बनी उनकी फिल्म 'स्वातंत्र्य वीर सावरकर' का एक फोटो सोशल मीडिया पर डाला था, जिसके साथ लिखा गया था कि सावरकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह और खुदीराम बोस जैसे क्रांतिकारियों के प्रेरणास्रोत थे.

भगत सिंह जानते थे कि असमानता व भेदभाव पर आधारित शोषण निठल्ले चिंतन से ख़त्म नहीं होंगे

विशेष: भगत सिंह चाहते थे कि स्वतंत्र भारत प्रगतिशील विचारों पर आधारित ऐसा देश बने, जिसमें सबके लिए समता व सामाजिक न्याय सुलभ हो. ऐसा तभी संभव है, जब उसके निवासी ऐसी वर्गचेतना से संपन्न हो जाएं, जो उन्हें आपस में ही लड़ने से रोके. तभी वे समझ सकेंगे कि उनके असली दुश्मन वे पूंजीपति हैं, जो उनके ख़िलाफ़ तमाम हथकंडे अपनाते रहते हैं.

पाश की कविता में स्वप्न और संघर्ष का स्थाई भाव है… वे सपनों को जिलाए रखते हैं

विशेष: क्रांतिकारी सपने देखता है. वह उसे विचार व कर्म की आंच में पकाता है. वह शहीद होकर भी संघर्ष की पताका को गिरने नहीं देता. उसे अपने दूसरे साथी के हाथों में थमा देता है. शहीद भगत सिंह ने जिस आज़ाद भारत का सपना देखा था, पाश उसे अपनी कविता में विस्तार देते हैं.

गांधी को एक व्यक्ति ने नहीं, एक विचारधारा ने मारा था…

पुस्तक समीक्षा: गांधी के विचारों से प्रतिक्रियावादी पीछा नहीं छुड़ा सकते इसलिए गांधी पर हमले जारी रहेंगे. ऐसे में 'उसने गांधी को क्यों मारा' की शक्ल में उनकी हत्या के इतिहास को उसके पूरे यथार्थ से बचाए रखना आने वाली पीढ़ियों की चेतना को कुंद किए जाने के ख़िलाफ़ एक मुनासिब कार्रवाई है.

‘यह गांधी कौन था?’ ‘वही, जिसे गोडसे ने मारा था’

गांधी को लिखे पत्र में हरिशंकर परसाई कहते हैं, 'गोडसे की जय-जयकार होगी, तब यह तो बताना ही पड़ेगा कि उसने कौन-सा महान कर्म किया था. बताया जाएगा कि उस वीर ने गांधी को मार डाला था. तो आप गोडसे के बहाने याद किए जाएंगे. अभी तक गोडसे को आपके बहाने याद किया जाता था. एक महान पुरुष के हाथों मरने का कितना फायदा मिलेगा आपको.'

सावरकर पर हमारी चर्चाओं को अतीत में अटके न रहकर वर्तमान में आगे बढ़ना होगा

'माफ़ीवीर' कहकर सावरकर की खिल्ली उड़ाने की जगह सावरकरवाद के आशय पर बात करना हमारे लिए आवश्यक है. अगर वह कामयाब हुआ तो हम सब चुनाव के ज़रिये राजा चुनते रहेंगे और आज्ञाकारी प्रजा की तरह उसका हर आदेश मानना होगा.

भगत सिंह: वो चिंगारी जो ज्वाला बनकर देश के कोने-कोने में फैल गई थी…

अगस्त 1929 में जवाहरलाल नेहरू ने लाहौर में हुई एक जनसभा में उस समय जेल में भूख हड़ताल कर रहे भगत सिंह और उनके साथियों के साहस का ज़िक्र करते हुए कहा कि ‘इन युवाओं की क़ुर्बानियों ने हिंदुस्तान के राजनीतिक जीवन में एक नई चेतना पैदा की है... इन बहादुर युवाओं के संघर्ष की अहमियत को समझना होगा.’

पंजाब: संगरूर से सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने भगत सिंह को ‘आतंकवादी’ बताया

आम आदमी पार्टी की ओर से कहा गया है कि संगरूर के सांसद सिमरनजीत सिंह मान का क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को ‘आतंकवादी’ कहना शर्मनाक और अपमानजनक है. पंजाबी भगत सिंह की विचारधारा से जुड़े हैं और हम इस ग़ैर-ज़िम्मेदाराना टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हैं. मान की इस टिप्पणी की विभिन्न नेताओं ने आलोचना की है.

कर्नाटक: शिक्षा के ‘भगवाकरण’ के विरोध में कई विद्वानों-लेखकों का सरकारी निकायों से इस्तीफ़ा

राज्य सरकार द्वारा गठित एक समिति ने हाल ही में कक्षा 6 से 10 तक की सामाजिक विज्ञान और कक्षा 1 से 10 तक की कन्नड़ भाषा की पाठ्यपुस्तकों में संशोधन करते हिए भगत सिंह, टीपू सुल्तान, पेरियार आदि से संबंधित अध्यायों को कथित तौर पर पाठ्यक्रम से हटाया या संक्षिप्त कर दिया है. वहीं, दसवीं की एक किताब में संघ संस्थापक केबी हेडगेवार का एक भाषण शामिल किया गया है.

भगत सिंह को राजनीतिक उपभोक्तावाद का शिकार बनाने की होड़ का नतीजा क्या होगा

भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारों व छवियों के स्वार्थी अनुकूलन की क़वायदों को सम्यक चुनौती नहीं दी गई तो आने वाली पीढ़ियों की उनके सच्चे क्रांतिकारी व्यक्तित्व व कृतित्व से साक्षात्कार की राह में दुर्निवार बाधाएं और अलंघ्य दीवारें खड़ी हो जाएंगी.

यशपाल: ‘मैं जीने की कामना से, जी सकने के प्रयत्न के लिए लिखता हूं…’

विशेष: यशपाल के लिए साहित्यिकता अपने विचारों को एक बड़े जन-समुदाय तक पहुंचाने का माध्यम थी. पर इस साहित्यिकता का निर्माण विद्रोह और क्रांति की जिस चेतना से हुआ था, वह यशपाल के समस्त लेखन का केंद्रीय भाव रही. यह उनकी क्रांतिकारी चेतना ही थी जो हर यथास्थितिवाद पर प्रश्न खड़ा करती थी.

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