भाजपा का साथ देना बड़ी भूल थी, सरकार किसानों को बर्बाद करने पर तुली है: नरेश टिकैत

दिल्ली में कृषि क़ानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन की गूंज गुरुवार को पूर्वांचल में भी सुनाई दी, जहां बस्ती ज़िले में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने किसान पंचायत का आयोजन किया और जमकर भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधा.

पीएम की गरिमा का सम्मान करेंगे, लेकिन किसानों के आत्मसम्मान के लिए प्रतिबद्ध: नरेश टिकैत

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार से कहा कि वह किसानों को बताए कि कृषि क़ानूनों को वापस क्यों नहीं लेना चाहती और हम वादा करते हैं कि सरकार का सिर दुनिया के सामने झुकने नहीं देंगे. उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है कि वह इन क़ानूनों को निरस्त नहीं करने पर अड़ी हुई है.

कृषि क़ानून: जिस संगठन के प्रमुख को सुप्रीम कोर्ट की समिति में चुना गया, उससे जुड़े रहे हैं सीजेआई बोबडे

वकील के तौर पर काम करने के दौरान जस्टिस एसए बोबडे शेतकारी संगठन से जुड़े थे, जिसके प्रमुख अनिल घनवट कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे किसानों से बात करने के लिए बनाई गई सुप्रीम कोर्ट की समिति में हैं. घनवट बोबडे के संगठन से अलग होने के बाद उभरे, पर वरिष्ठ किसान नेताओं ने उनके चयन पर सवाल उठाए हैं.

कृषि क़ानून: सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति से अलग हुए भाकियू के भूपेंद्र सिंह मान

भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह मान ने कहा कि समिति में उन्हें लेने के लिए वे सुप्रीम कोर्ट के शुक्रगुज़ार हैं लेकिन किसानों के हितों से समझौता न करने के लिए वे उन्हें मिले किसी भी पद को छोड़ने को तैयार हैं. मान ने यह भी कहा कि वे हमेशा पंजाब और किसानों के साथ हैं.

क्यों सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति के सदस्यों को ​कृषि क़ानूनों का समर्थक कहा जा रहा है

सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन कृषि क़ानूनों पर केंद्र और किसानों के बीच गतिरोध दूर करने के उद्देश्य से बनाई गई समिति में कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी, प्रमोद कुमार जोशी, शेतकारी संगठन के अनिल घानवत और भारतीय किसान यूनियन के भूपेंद्र सिंह मान शामिल हैं. किसानों ने इन्हें सरकार समर्थक बताते हुए विरोध जारी रखने की बात कही है. इस बीच भूपेंद्र सिंह मान ने ख़ुद को समिति से अलग कर लिया है.

उत्तर प्रदेश: आर्थिक तंगी से परेशान गन्ना किसान ने की आत्महत्या, किसानों का प्रदर्शन

मामला मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले के सिलौली का है, जहां एक पचास वर्षीय किसान का शव खेत में लटका मिला. उनके परिजनों ने बताया कि वह लॉकडाउन के कारण गन्ने की फसल न बेच पाने की वजह से अवसाद में थे.

मुज़फ़्फ़रनगरः चीनी मिल में काम कर रहे कश्मीरी कामगार वापस घाटी लौटने लगे

भारतीय किसान यूनियन ने मुज़फ़्फ़रनगर स्थित त्रिवेणी मिल के बाहर प्रदर्शन कर यहां काम कर रहे कश्मीरी कामगारों को वापस भेजने की मांग की है.

हम भी भारत, एपिसोड 50: मोदी सरकार से क्यों नाराज़ हैं किसान

हम भी भारत की 50वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी हालिया किसान आंदोलन और कृषि संकट से जुड़े मुद्दों पर पूर्व कृषि सचिव सिराज हुसैन और किसान शक्ति संघ के पुष्पेंद्र सिंह से चर्चा कर रही हैं.

न्यूनतम समर्थन मूल्य का वादा पूरा नहीं किया तो अगले चुनाव में सरकार बदल देंगे: किसान यूनियन

भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि किसानों की स्थिति पहले कभी इतनी दयनीय नहीं थी. सरकार को महज़ 24 फसलों का ही नहीं बल्कि सारी फसलों का एमएसपी निर्धारित करना चाहिए.

सरकार के योगासन के विरोध में किसानों का ‘शवासन’

देश के कई हिस्सों में सरकार द्वारा किसानों की समस्या पर ध्यान न देने के विरोध में अनोखा प्रदर्शन. किसानों ने कहा- हम योग के विरोध में नहीं, सरकार के विरोध में हैं.