सुप्रीम कोर्ट ने पहले पति की मृत्यु के बाद पुनर्विवाह करने वाली मां और बच्चे के मृत जैविक पिता के माता-पिता के बीच बच्चे के सरनेम से जुड़े एक मामले को सुनते हुए कहा कि नैसर्गिक अभिभावक होने के चलते मां अपने बच्चे का उपनाम तय करने का अधिकार रखती हैं.
मामला एक दंपति की चार साल की बेटी की कस्टडी से जुड़ा हुआ था, जहां निचली अदालत ने बच्ची को हर हफ्ते 19 घंटे के लिए उसकी मां को सौंपने का आदेश दिया था. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस आदेश को रद्द करने की मांग वाली पिता की याचिका को ख़ारिज करते हुए यह टिप्पणी की.
हाईकोर्ट ने बीएमसी को निर्देश दिया है कि टेस्ट ट्यूब प्रक्रिया से जन्मी एक बच्ची को वह एक नया जन्म प्रमाण पत्र जारी करे जिसमें उसके जैविक पिता का नाम न हो.