यूपी: डॉ. कफ़ील ख़ान पर उनकी किताब को लेकर ‘भड़काने और विभाजन पैदा करने’ का केस दर्ज

2017 में गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत को लेकर डॉ. कफ़ील ख़ान ने साल 2021 में एक किताब लिखी थी. अब इसे 'लोगों को सरकार के ख़िलाफ़ भड़काने और समाज बांटने वाली' किताब कहते हुए लखनऊ के एक व्यक्ति ने ख़ान पर मामला दर्ज करवाया है.

उत्तर प्रदेश: विधान परिषद चुनाव के लिए सपा ने डॉ. क़फील ख़ान को उम्मीदवार बनाया

डॉ. कफ़ील ख़ान को अगस्त 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई ऑक्सीजन त्रासदी के बाद निलंबित किया गया था. इसके बाद जुलाई 2019 में बहराइच ज़िला अस्पताल में मरीज़ों का जबरन इलाज करने और सरकार की नीतियों की आलोचना करने के आरोप में उन्हें दूसरी बार निलंबित किया गया था. विधान परिषद की 36 सीटों के लिए नौ अप्रैल को चुनाव होना है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने कफील खान के खिलाफ एक और जांच का आदेश दिया

राज्य के प्रमुख सचिव ने कहा, चंद रोज पहले से डॉ. कफील खान जिन बिंदुओं पर क्लीन चिट मिलने का दावा कर रहे हैं, उन बिंदुओं पर जांच अभी पूरी भी नहीं हुई है. इसलिए क्लीन चिट की बात बेमानी है.

गोरखपुर ऑक्सीजन कांडः निलंबित डॉ. कफ़ील ख़ान विभागीय जांच में आरोपमुक्त

यह मामला उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित बीआरडी मेडिकल अस्पताल का है, जहां अगस्त 2017 में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से एक हफ्ते में 60 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी. इस मामले में डॉ. कफ़ील ख़ान को दोषी ठहराया गया था.

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में छह महीनों में 1049 बच्चों की मौत

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में साल 2017 में छह महीनों में 1,201 बच्चों की मौत हुई थी. दोनों वर्ष के आंकड़ों से पता चलता है कि नियोनेटल डेथ में कमी आई है जबकि इंसेफलाइटिस से बच्चों की मौत बढ़ गई है.

अगस्त के आख़िरी दिन गोरखपुर अस्पताल में 13 बच्चों की मौत

गोरखपुर स्थित बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में अगस्त महीने में मरने वाले बच्चों की संख्या 309 हो गई है और इस साल अब तक 1269 बच्चों की जान जा चुकी है.

हाईकोर्ट ने योगी सरकार से पूछा, बच्चों की मौत की असली वजह बताओ

कोर्ट ने कहा, 'ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, सही तथ्य सामने आने चाहिए, जिससे इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों. कोर्ट के आदेश से पहले मौत के कारणों पर सरकार का जवाब आना ज़रूरी है.'