गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुए ऑक्सीजन कांड में आरोपी डॉ. कफ़ील ख़ान के ख़िलाफ़ की जा रही जांच की रिपोर्ट बीते अप्रैल में मिलने के बाद सरकार अब तक कोई निर्णय नहीं ले सकी है. इसके अलावा बहराइच मामले में डॉ. कफ़ील ख़ान के ख़िलाफ़ जांच के लिए इसी महीने अधिकारी नामित किया गया है. यह दिखाता है कि डॉ. कफ़ील पर लगे आरोपों की तेज़ी से जांच कराने में ख़ुद सरकार को कोई रुचि नहीं है.
राज्य के प्रमुख सचिव ने कहा, चंद रोज पहले से डॉ. कफील खान जिन बिंदुओं पर क्लीन चिट मिलने का दावा कर रहे हैं, उन बिंदुओं पर जांच अभी पूरी भी नहीं हुई है. इसलिए क्लीन चिट की बात बेमानी है.
साल 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुए ऑक्सीजन कांड में आरोपी डॉ. कफ़ील ख़ान से संबंधित जांच रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट के अनुसार, उन पर ऑक्सीजन की कमी की सूचना अधिकारियों को न देने और कर्तव्यों का पालन न करने के आरोप साबित नहीं हो पाए हैं.
यह मामला उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित बीआरडी मेडिकल अस्पताल का है, जहां अगस्त 2017 में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से एक हफ्ते में 60 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी. इस मामले में डॉ. कफ़ील ख़ान को दोषी ठहराया गया था.
मुज़फ़्फ़र आलम नामक व्यक्ति ने साल 2009 में डॉ. कफ़ील और उनके भाई अदील अहमद ख़ान के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था. बीते शनिवार को भी कफ़ील ख़ान को गिरफ़्तार किया गया था, हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का कहना है कि बीआरडी अस्पताल में बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई थी.
मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर चारों डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया. ट्रामा सेंटर, इमरजेंसी, सर्जरी और आईसीयू सेवाएं हो सकती हैं प्रभावित.
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में साल 2017 में छह महीनों में 1,201 बच्चों की मौत हुई थी. दोनों वर्ष के आंकड़ों से पता चलता है कि नियोनेटल डेथ में कमी आई है जबकि इंसेफलाइटिस से बच्चों की मौत बढ़ गई है.
गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत मामले के आरोपी डॉक्टर कफ़ील ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. बांसगांव से भाजपा सांसद कमलेश पासवान ने आरोपों से इनकार किया.
डॉ. कफ़ील के भाई काशिफ़ जमील पर अज्ञात हमलावरों ने तीन गोलियां चलाईं. गोरखपुर के निजी अस्पताल में चल रहा है इलाज. आॅपरेशन के बाद गोलियां निकाली गईं.
वीडियो: गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉ. कफ़ील से मनोज सिंह की बातचीत का संपादित अंश.
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में कार्यरत रहे डॉ. कफ़ील अहमद ख़ान सात महीने से जेल में बंद हैं.
सपा ने कहा कि कहीं आग आॅक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत से संबंधित फाइलों को नष्ट करने के लिए तो नहीं लगाई गई.
चार्जशीट में इन दोनों व्यक्तियों पर सरकारी धन के व्यक्तिगत हित में उपयोग का आरोप लगाया गया है.
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्थाओं का दौर जारी है. अगस्त महीने में बच्चों की मौतों को स्वभाविक बताने वाले यूपी सरकार के मंत्री अब इस बारे में चुप्पी साध गए हैं.