जिस विविधता पर ब्रिटेन को नाज़ है, उससे भारत को क्यों ऐतराज़ है

ऋषि सुनक के ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने पर भारतीयों को ख़ुश होने की जगह वास्तव में गंभीरता के साथ आत्ममंथन करना चाहिए कि हज़ारों सालों से हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा रही हमारी धार्मिक विविधता और सांस्कृतिक बहुलता का क्या हुआ.

ऋषि सुनक का पद हिंदूपन या भारतीयता का प्रताप नहीं, ब्रिटेन के विविधता स्वीकारने का नतीजा है

ऋषि सुनक का प्रधानमंत्री होना ब्रिटेन के लिए अवश्य गौरव का क्षण है क्योंकि इससे यह मालूम होता है कि ‘बाहरी’ के साथ मित्रता में उसने काफ़ी तरक्की की है. इसमें हिंदू धर्म या उसके अनुयायियों का कोई ख़ास कमाल नहीं है. यह कहना कि ब्रिटेन को भी हिंदू धर्म का लोहा मानना पड़ा, हीनता ग्रंथि की अभिव्यक्ति ही है.

भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री बने ऋषि सुनक

ब्रिटेन में मची राजनीतिक उथल-पुथल के बीच लिज़ ट्रस के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के बाद भारतीय मूल के ऋषि सुनक को कंज़रवेटिव पार्टी का नया नेता चुना गया है. दो महीने से भी कम समय में वह ऐसे तीसरे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने ब्रिटिश राजनीतिक इतिहास के सबसे अशांत समय में से एक के दौरान पदभार ग्रहण किया है.

ब्रिटेनः प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, स्वास्थ्य मंत्री मैट हैंकॉक कोरोना वायरस से संक्रमित

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि कोरोना की पुष्टि के बाद उन्होंने डॉक्टरों की सलाह पर 10 डाउनिंग स्ट्रीट में खुद को आइसोलेट कर लिया है. इससे पहले ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स भी कोरोना से संक्रमित पाए गए थे.